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इजरायल: साल में तीसरी बार हुए चुनाव, फिर भी बहुमत से दूर रह गए बेंजामिन नेतन्याहू

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने से चूक गए हैं. पिछले एक साल में तीन बार इजरायल में चुनाव हुआ है लेकिन कोई पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई है.

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फोटो: PTI) इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू (फोटो: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 9:52 AM IST

  • इजरायल में फिर किसी पार्टी को बहुमत नहीं
  • बहुमत से तीन सीट दूर रही नेतन्याहू की पार्टी
  • एक साल में तीन बार हो चुके हैं चुनाव
इजरायल में पिछले एक साल में तीसरी बार हुए प्रधानमंत्री पद के चुनाव में बेंजामिन नेतन्याहू एक बार फिर जीत हासिल करने से चूक गए हैं. गुरुवार को जारी हुए नतीजों में बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी का गठबंधन मात्र 3 सीटों से बहुमत से चूक गया और खुद के दमपर सरकार बनाने में नाकाम रहा. हालांकि, इससे इतर बेंजामिन नेतन्याहू ने वीडियो ट्वीट कर अपनी ऐतिहासिक जीत का दावा किया है.

इससे पहले हुए दो चुनावों में भी बेंजामिन को बहुमत नहीं मिल पाया था, जिसे इजरायल के चुनावी इतिहास का अबतक का सबसे बड़ा डेडलॉक माना जा रहा है. इजरायल में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत के लिए 60 सीटों की जरूरत पड़ती है, नतीजों से पहले घोषित हुए एग्जिट पोल में नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और साथी राष्ट्रवादी पार्टियों को 61 सीटों का अनुमान दिखाया जा रहा था लेकिन जब फाइनल नतीजे तो मामला अलग ही हुआ.

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गुरुवार को घोषित किए गए नतीजों में लिकुड पार्टी को 36, विरोधी ब्लैक एंड व्हाइट पार्टी को 33 सीटें मिली हैं. हालांकि, गठबंधन का साथ मिलाकर बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी 58 तक ही पहुंच पा रही है. बता दें कि इजरायल की संसद में कुल 120 सीटें हैं.

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नतीजों के बाद बेंजामिन नेतन्याहू ने अपनी जीत को ऐतिहासिक बताया और विपक्ष पर आरपो लगाया कि सामने वाली पार्टियां उनकी राष्ट्रवादी सरकार को सत्ता में आने से रोक रही हैं. अगर विरोधी पक्ष की बात करें, तो ब्लैक एंड व्हाइट पार्टी के अलावा जो अन्य छोटी पार्टियां हैं उनके पास कुल 15 सीटें हैं, लेकिन वह काफी बंटी हुई हैं ऐसे में उनके साथ आने की संभावनाएं काफी कम हैं.

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बता दें कि पिछले एक साल में इजरायल तीन बार प्रधानमंत्री पद के चुनाव देख चुका है. इससे पहले अप्रैल, सितंबर में पीएम पद के लिए चुनाव हुआ था, लेकिन कोई भी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाई. हालांकि इस बीच बेंजामिन नेतन्याहू ही इजरायल के पीएम बने रहे.

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