Advertisement

पेरिस में बोले नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता भारत का हक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता देने की जोरदार वकालत की है. उन्होंने इसे भारत का हक बताया है.

पेरिस में भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेरिस में भारतीयों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2015,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता देने की जोरदार वकालत की है. उन्होंने इसे भारत का हक बताया है. फ्रांसः मोदी ने भारतीय शहीदों को दी श्रद्धांजलि

फ्रांस दौरे पर अपने आखिरी सार्वजनिक संबोधन में मोदी ने प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय सैनिकों की शहादत एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति कार्यक्रमों में उसके योगदान का उल्लेख करते हुए 'भारत का हक' कहकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता की मांग की. मोदी ने फ्रांस में भारतीय छात्रों के साथ ली सेल्फी

Advertisement

प्रधानमंत्री ने कहा, 'संयुक्त राष्ट्र की पीस कीपिंग फोर्स में भारत आज सबसे अधिक योगदान देता है. वह देश जिसने कभी आक्रमण न किया हो, जो देश प्रथम एवं द्वितीय विश्व युद्ध के लिए औरों के लिए शहादत दिया हो. जो देश पीस कीपिंग फोर्स के लिए लगातार अपने सैनिक भेजकर दुनिया में शांति बनाए रखने के लिए अपनी जान लगा देता है. शांति का झंडा उठाए रखने वाला यह देश सुरक्षा परिषद की सदस्यता पाने के लिए तरस रहा है.'

उन्होंने आगे कहा, 'दुनिया से मैं आग्रह करूंगा कि समय आ गया है शांतिदूतों को सम्मान दने का और यह अवसर है गांधी और बुद्ध की धरती को उसका हक देने का. मैं आशा करता हूं संयुक्त राष्ट्र जब अपनी 70वीं वर्षगांठ मनाएगा तो इन विषयों पर विचार करेगा.'

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ही इससे पहले नेउवे चैपेल स्थित भारतीय स्मारक पहुंचकर प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी . उत्तरी फ्रांस के नेउवे चैपेल के पास यह स्मारक उन 4,700 भारतीय सैनिकों व मजदूरों की याद में बना है, जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान अपने प्राणों की आहूति दे दी थी.

Advertisement

नरेंद्र मोदी ने नेउवे चैपल स्मारक की अपनी यात्रा का संदर्भ देते हुए कहा, 'मैं दुनिया को एक संदेश देना चाहता था कि विश्व भारत को समझे, दुनिया भारत को देखने का नजरिया बदले. यह ऐसा देश है जो अपने लिए ही नहीं औरों के लिए भी बलिदान देता है.'

उन्होंने कहा, 'प्रथम विश्व युद्ध में भारत के 14 लाख जवानों ने हिस्सा लिया. लेकिन तब वे भारत के भूभाग का विस्तार के लिए नहीं लड़ रहे थे. प्रथम विश्व युद्ध में भारत के 75,000 जवानों ने शहादत दी. इनमें से 11 भारतीय सैनिकों ने अपनी वीरता के लिए विक्टोरिया क्रॉस सम्मान हासिल किया.'

इनपुट- IANS

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement