
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर नक्सली मोर्चे पर तैनात इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के जवान बिना रंग और गुलाल के अपने तरीके से होली मना रहे हैं. इसका मकसद प्रदूषण मुक्त वातावरण में तीज त्योहार की खुशियां मनाने का संदेश देना है.
नाच-गाकर होली की मस्ती
देश में बढ़ रहे प्रदूषण के मद्देनजर ITBP के जवानों ने लोगों से प्रदूषण मुक्त होली मनाने का आह्वान किया है. ऐसा नहीं है कि ये जवान होली की मस्ती में सराबोर नहीं हैं, वो होली मना रहे हैं लेकिन एक अलग अंदाज में.
नक्सली मोर्चे पर डटे ITBP के जवान पूरे जोश के साथ लोक संगीत की धुनों पर थिरक रहे हैं. लेकिन ना तो रंग गुलाल है, और ना ही होलिका का दहन हुआ है, जबकि जंगल के भीतर ना तो लकड़ियों की कमी है और ना ही गुलाल अबीर की. बावजूद इसके ये जवान संजीदगी के साथ होली मना रहे हैं. आईटीबीपी ने अपने आस-पास के इलाकों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मुहिम छेड़ी हुई है.
सैकड़ों गांवों का मिला समर्थन
गांव से लेकर शहरों तक ITBP जवान प्रदूषण मुक्त त्योहार मनाने के लिए स्थानीय ग्रामीणों को प्रेरित करते हैं. इस मूल मंत्र के साथ ITBP का जंगल में मंगल का अभियान सुर्ख़ियों में है. छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरहद पर स्थित राजनांदगांव जिले के एक मुहाने में डटे आईटीबीपी के जवानों ने करीब एक सैकड़ा गांवों में प्रदूषण मुक्त होली के लिए लोगों को जागरूक किया है.
ना रंग, ना गुलाल और ना पानी की बर्बादी
आईटीबीपी के डीआईजी अशोक नेगी ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने की पहल छोटे गांव कस्बों में भी कारगर ढंग से लागू की जानी चाहिए. उनके मुताबिक ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करने पर ही प्रदूषण पर नियंत्रण लगेगा. उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि महानगरों में हाल ही में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच रहा है. यदि इस पर सख्ती नहीं बरती गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे. इसके लिए ITBP ने प्रदूषण मुक्त त्योहार मनाने का संकल्प लिया है.
ITBP के कमांडेंट नरेंद्र सिंह ने कहा कि उनकी इस पहल को ग्रामीणों ने स्वीकार किया है. लगभग एक सैकड़ा गांवों में होली के मौके पर जंगलों में होने वाली अवैध कटाई रुक गई. लोगों ने आवश्यक पानी की बर्बादी को रोकने के लिए सिर्फ तिलक लगाकर होली खेलने का वादा किया. उनके मुताबिक कई हिस्सों में सिर्फ औपचारिकतावश होली जलाई जा रही है. इससे ITBP की पहल को बल मिला है.
हाल ही में आईटीबीपी ने महाराष्ट्र की सरहद पर आधा दर्जन कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया था. इसलिए इनकी मस्ती और सिर चढ़कर बोल रही है. हालांकि ये जवान अपनी ही नहीं अपने आस-पास के सैकड़ों गांवों की हिफाजत के लिए बेहद सतर्क हैं. दरअसल, होली के मौके का फायदा उठाकर अक्सर नक्सली सुरक्षाबलों पर हमला बोल देते हैं. लिहाजा सुरक्षा और सतर्कता दोनों पर जोर दिया गया है.
आईटीबीपी की इस पहल का काफी असर भी हुआ है. दर्जनों गांव में इस बार होली का रंग पहले जैसा नहीं दिखाई दे रहा है. लोगों ने रंग, गुलाल और केमिकल युक्त रंगों से तौबा कर ली है. ITBP के मुताबिक उसके दस्ते में देश के तमाम पहाड़ी इलाकों के नौजवान तैनात हैं. इसलिए होली के मौके पर जम्मू कश्मीर, सिक्किम , हिमाचल, कुमाऊं, गढ़वाल और उत्तरांचल के गीत संगीत की बहार है.