Advertisement

किसी भी आतंकी चुनौती को नाकाम करने में सक्षम ITBP की 'क्रैक K-9 यूनिट्स'

ITBP का 'ऑपरेशन लवली नोस' का आधार क्रैक K9 कुत्तों की सूंघने की अद्भुत क्षमता पर आधारित है. आतंकी हमले के इरादे से लाए जाने वाले विस्फोटकों को सूंघ कर पहले से ही अलर्ट कर देने के मामले में इऩ कुत्तों का कोई सानी नहीं. यही वजह है कि इस मामले में इन्हें सबसे भरोसेमंद माना जाता है.

ऑपरेशन लवली नोस ऑपरेशन लवली नोस
जितेंद्र बहादुर सिंह/खुशदीप सहगल
  • नई दिल्ली,
  • 26 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 6:16 PM IST

इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) की ओर से गणतंत्र दिवस परेड पर आतंकवादियों की किसी भी चुनौती को नाकाम करने के लिए 'ऑपरेशन लवली नोस' तैयार किया गया है. दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से ITBP के 'क्रैक K-9 यूनिट्स' की मांग की है. दिल्ली पुलिस की ओर से ये अंर्जेट मांग 14 दिसंबर को सभी सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की उच्चस्तरीय बैठक के बाद की गई.

Advertisement

सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सुरक्षा का जायजा लेने के लिए हुई बैठक में आंतकवादियों की चुनौती को लेकर मिले सभी इनपुट्स पर गौर किया गया. इसका ये निष्कर्ष निकला कि आतंकवाद से जुड़ा खतरा शीर्ष पर है. इनपुट्स के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों ने स्लीपर सेल्स को नए सिरे से सक्रिय किया है जिससे कि इस बार गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर आतंकी घटना को अंजाम दिया जा सके.

इन्हीं सब हालात में 'ऑपरेशन लवली नोस' को लॉन्च किया गया है. दिल्ली पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक इस ऑपरेशन में ITBP की ओर से खास तौर पर प्रशिक्षित कुत्तों की मदद ली जा रही है. ये कुत्ते PEDD (पेट्रोल एक्सप्लोसिव डिटेक्टिव डॉग्स) के तौर पर भी जाने जाते हैं.

दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने ये जानकारी देने से इनकार किया कि इलीट ITBP क्रैक K-9 यूनिट्स के कितने सदस्यों को तैयार किया गया है. हालांकि ये बताया गया कि ITBP ने इस बार विश्व प्रसिद्ध मालिनोइस (बेल्जियन शेपर्ड) कुत्तों को नेशनल डॉग ट्रेनिंग स्कूल में बेहद सीक्रेट ट्रेनिंग मॉडयूल के तहत प्रशिक्षित किया. ये ट्रेनिंग स्कूल शिवालिक पहाड़ियों की तलहटी में स्थित भानु में मौजूद है.

Advertisement

ITBP का 'ऑपरेशन लवली नोस' का आधार क्रैक K9 कुत्तों की सूंघने की अद्भुत क्षमता पर आधारित है. आतंकी हमले के इरादे से लाए जाने वाले विस्फोटकों को सूंघ कर पहले से ही अलर्ट कर देने के मामले में इऩ कुत्तों का कोई सानी नहीं. यही वजह है कि इस मामले में इन्हें सबसे भरोसेमंद माना जाता है.

ITBP के इन कुत्तों का 1975 से ही 'जीरो टेरर' का जबर्दस्त रिकॉर्ड है. बता दें कि ITBP के कुत्तों ने जिस इलाके, जिस रास्ते को पहले से सैनेटाइज किया वहां कभी ITBP को बारूदी सुरंग या घात लगाकर किए गए हमले का सामना नहीं करना पड़ा. अभी तक ITBP ही ऐसा बल है जिसका छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के दौरान कभी घात लगाकर होने वाले हमलों का सामना नहीं हुआ. इसका पूरा श्रेय ITBP के PEDD डॉग्स को जाता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement