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गडकरी का ऐलान, जयपुर से दिल्ली पहुंचने में लगेंगे सिर्फ 3 घंटे, दिसंबर तक पूरा होगा काम

जयपुर से दिल्ली का फासला तय करने में अगले साल से सिर्फ 3 घंटे का वक्त लगेगा. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को बताया कि जयपुर-दिल्ली के बीच यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर साढ़े 4 घंटे का रह गया है.

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी
शश‍ि भूषण
  • जयपुर,
  • 15 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST

जयपुर से दिल्ली का फासला तय करने में अगले साल से सिर्फ 3 घंटे का वक्त लगेगा. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को बताया कि जयपुर-दिल्ली के बीच यात्रा का समय 8 घंटे से घटकर साढ़े 4 घंटे का रह गया है. मार्च 2016 तक दोनों शहरों के बीच यात्रा महज 3 घंटे में पूरी की जा सकेगी.

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उन्होंने कहा कि इस मार्ग पर दुर्घटनाएं बहुत हो रही हैं जो निश्चित तौर पर घटेंगी और नहीं के बराबर रह जाएंगी. हम सर्विस रोड का निर्माण करेंगे. राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि नितिन गडकरी ने इस मामले में दिलचस्पी ली.

दिसंबर तक पूरा होगा हाईवे का काम
गडकरी ने बताया, गुलाबी शहर के नाम से मशहूर राजस्थान की राजधानी जयपुर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से जोड़ने वाले दिल्ली-जयपुर राजमार्ग का काम दिसंबर तक पूरा हो जाएगा.

उन्होंने कहा, 'इस महत्वपूर्ण राजमार्ग परियोजना में देरी के लिए बहुत हद तक सरकार जिम्मेदार है. यह परियोजना 2011 तक पूरी हो जानी चाहिए थी. तीन कामों को छोड़कर फ्लाईओवरों सहित 57 ढांचों का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. तब हम परियोजना का उद्घाटन करेंगे.' उन्होंने कहा कि 50 ढांचों का काम पूरा कर लिया गया है. पिंक सिटी एक्सप्रेसवे परियोजना पूरी करना उनके मंत्रालय के लिए प्राथमिकता रही है.

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उन्होंने कहा कि 14 बैंकों ने परियोजना का वित्त पोषण किया है. पिछले एक साल में मंत्रालय के अधिकारियों ने बैंकों के साथ कई दौर की बैठकें कर उनसे पुनर्वित्त के लिए अनुरोध किया है. यदि बैंक से वित्त उपलब्ध नहीं हो पाता है तो ऐसी स्थिति में केंद्र करीब 400 करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगा.

यहां बता दें कि भूमि अधिग्रहण एवं ठेका संबंध मुद्दों सहित कई कारणों के चलते दिल्ली-जयपुर राजमार्ग परियोजना लंबे समय से अटकी रही है. इस 260 किलोमीटर की राजमार्ग परियोजना की लागत 1,896 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,000 करोड़ रुपये पहुंच गई है

इनपुट: भाषा

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