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CAA: जामिया यूनिवर्सिटी का RTI में जवाब, तोड़फोड़ का रिकॉर्ड नहीं

जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि हालिया आंदोलन के दौरान इसकी संपत्तियों की क्षति और नुकसान का कोई रिकॉर्ड नहीं है.

जामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस छात्रों को हिरासत में लिया था (तस्वीर-PTI) जामिया विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस छात्रों को हिरासत में लिया था (तस्वीर-PTI)
आशीष पांडेय
  • हैदराबाद,
  • 04 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 10:53 PM IST

  • CAA-NRC के खिलाफ जामिया के छात्रों ने किया था विरोध प्रदर्शन
  • लाइब्रेरी में हुई थी तोड़फोड़, पुलिस ने कई छात्रों को हिरासत में लिया था

एक आरटीआई आवेदन का जवाब देते हुए जामिया मिलिया इस्लामिया प्रशासन ने कहा है कि हालिया आंदोलन के दौरान इसकी संपत्तियों की क्षति और नुकसान का कोई रिकॉर्ड नहीं है. हैदराबाद के एक कार्यकर्ता करीम अंसारी ने जामिया हिंसा मामले में एक आरटीआई दायर की थी.

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जामिया यूनिवर्सिटी कुछ दिन पहले नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी को लेकर हुई हिंसा से सुर्खियों में आया था. जामिया यूनिवर्सिटी ने दिसंबर में उस वक्त सुर्खियां बटोरीं जब दिल्ली पुलिस के जवानों ने कैंपस में प्रवेश किया और सीएए-एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कई छात्रों को हिरासत में ले लिया. यह भी कहा गया कि पुलिसकर्मियों ने लाइब्रेरी और यूनिवर्सिटी की संपत्तियों में तोड़फोड़ की .

15 दिसंबर की घटना पर जामिया प्रशासन ने एक आंतरिक रिपोर्ट भी तैयार की थी जिसके बाद यह कहा गया था कि ने परिसर के अंदर दिल्ली पुलिस की अनधिकृत रूप से दाखिल हुई थी, जिसकी न्यायिक जांच की जाए. जब दिल्ली पुलिस कैंपस में घुसी थी तब छात्र कमरे के अंदर शांतिपूर्ण तरीके से अध्ययन कर रहे थे. पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था.

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क्षतिग्रस्त संपत्ति का मांगा गया था विवरण

प्रशासन की जांच में यह बात भी सामने आई थी कि परिसर की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था, साथ ही लाइब्रेरी से सटे पार्किंग में खड़े दोपहिया वाहनों को भी नुकसान पहुंचा गया. हैदराबाद के एक कार्यकर्ता करीम अंसारी ने इस मामले पर आरटीआई दायर की थी, जिसमें पुलिस की कार्रवाई के दौरान क्षतिग्रस्त संपत्ति का विवरण पूछा गया था. आरटीआई के जवाब में विश्वविद्यालय ने एक आश्चर्यजनक जवाब दिया था.

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विद्रोह के बारे में जानकारी नहीं

जामिया मिलिया के आरटीआई चीफ प्रॉक्टर, वसीम ए खान और सुरक्षा सलाहकार मोहम्मद शाहिद खान ने कहा कि उन्हें संपत्ति के नुकसान या किसी भी विद्रोह के बारे में कोई जानकारी नहीं है.

इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए, कार्यकर्ता करीम ने जवाब पर हैरानी जाहिर की है और कहा कि वह अपील दायर करेंगे क्योंकि उनका मानना है कि विश्वविद्यालय दबाव में तथ्यों को छिपा रहा है. करीम अंसारी ने संपत्ति के नुकसान का विवरण मांगा था, जिसका विश्वविद्याल प्रशासन ने जिक्र किया था.

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