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BJP नेता का बयान- महबूबा सरकार थी अब तक की सबसे खराब सरकार, सीजफायर बड़ी भूल

सिंह ने कहा कि रमजान के मौके पर एकतरफा संघर्ष विराम की घोषणा सबसे बड़ी भूल थी . इससे आतंकवादियों को पुनर्गठित होने का मौका मिला और इसने सुरक्षा बलों के मनोबल को गिराया .

पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती
विकास जोशी
  • जम्मू,
  • 22 जून 2018,
  • अपडेटेड 11:01 PM IST

जम्मू कश्मीर के पूर्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चौधरी लाल सिंह ने शुक्रवार को कहा कि महबूबा मुफ्ती की सरकार राज्य में अब तक की सबसे खराब सरकार थी और अगर उनकी पार्टी इस सरकार से अपना समर्थन वापस नहीं लेती तो और नुकसान उठाना पड़ता.

सिंह ने कहा कि रमजान के मौके पर एकतरफा सीजफायर की घोषणा सबसे बड़ी भूल थी. इससे आतंकवादियों को पुनर्गठित होने का मौका मिला और इसने सुरक्षाबलों के मनोबल को गिराया.

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बीजेपी नेता ने संवाददाताओ से कहा, लोकतांत्रिक व्यवस्था में राज्यपाल शासन लगाना उचित नहीं है. लेकिन स्थिति जब दिन ब दिन बदतर होती जा रही हो तो यही एक विकल्प बचता है . यह (पीडीपी-बीजेपी गठबंधन) सरकार प्रदेश में अब तक की सबसे खराब सरकार थी.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की प्रसंशा करते हुए उन्होंने कहा कि आवाम को अवसरवादी शासकों से बचाया गया जो सांप्रदायिक आधार पर काम करते थे .सिंह ने आरोप लगाया कि, वे लोग (पीडीपी नेता) उनके (अलगाववादियों के) खैरख्वाह थे. उनका (महबूबा) जीवन उनके समर्थन से शुरू हुआ.

चौधरी ने कहा, मैं राजनीति में उनसे (महबूबा से) वरिष्ठ हूं . मैं अधिकार के साथ कह सकता हूं कि वह अब दोबारा कभी मुख्यमंत्री नहीं बनेंगी. बीजेपी नेता ने कहा कि महबूबा मुफ्ती ने अपनी अक्षमता से सब कुछ बर्बाद कर दिया और अपने पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद की आत्मा को दुखी किया.

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चौधरी ने आरोप लगाया, कठुआ मामले की सीबीआई जांच के लिए मैंने उनसे मुलाकात की थी, लेकिन जम्मू के लोगों की छवि खराब करने के लिए उन्होंने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने आगे कहा कि वह मामले की सीबीआई जांच की मांग पर जोर देने के लिए जल्दी ही राज्यपाल एन एन वोहरा से मिलेंगे.

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