
जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) भारी संकट से जूझती नजर आ रही है. हाल ही में इसके 8 सदस्यों ने कश्मीर के दौरे पर आए विदेशी प्रतिनिधियों से श्रीनगर में मुलाकात की. पार्टी को यह मुलाकात पसंद नहीं आई और इन सभी 8 सदस्यों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. हालांकि, इस घटना के ठीक एक दिन बाद पार्टी के चार और सदस्यों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया.
गुरुवार को पीडीपी ने बयान जारी कर कहा कि पार्टी के 8 नेताओं ने 'जनता की इच्छा के विरुद्ध' जाकर विदेशी प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इसे लेकर कार्रवाई करते हुए सभी 8 नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया गया है.
निकाले गए सभी नेता रह चुके हैं विधायक
जो नेता पीडीपी से बाहर निकाले गए उनमें दिलावर मीर, रफी अहमद मीर, जफर इकबाल, अब्दुल मजीद पादरू, राजा मंजूर खान, जावेद हुसैन बेग, कमर हुसैन और अब्दुल रहीम राथर शामिल हैं. बाहर किए गए सभी आठों नेता पार्टी से विधायक रह चुके हैं. विदेशी प्रतिनिधियों से मुलाकात के लिए ये सभी अल्ताफ बुखारी के साथ गए थे. बुखारी भी पार्टी के पूर्व नेता हैं.
शुक्रवार को पूर्व विधायक दिलावर मीर, मुंतजिर मोहिदीन, पीडीपी के राज्य सचिव मीर समीउल्लाह और शौकत गफूर अंद्राबी ने भी पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया.
अंद्राबी ने महबूबा मुफ्ती को लिखा पत्र
महबूबा मुफ्ती को लिखे पत्र में अंद्राबी ने लिखा है, 'मैंने मुफ्ती (मोहम्मद सईद) साहब के कुशल नेतृत्व में पीडीपी ज्वॉइन की थी, जिन्होंने लोगों को जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य से ऊपर उठकर अनिश्चितता खत्म करने के लिए एक व्यवहारिक राजनीतिक विकल्प मुहैया कराया था. इस सबमें मैंने हमेशा एक समर्पित पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम किया है. यह मुफ्ती साहब के कुशल नेतृत्व में पार्टी के कई प्रमुख पदों पर रहते हुए सेवा करने की एक कोशिश थी. अब जब हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को पार्टी से निष्कासित करने के मामले ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की उपेक्षा के मुद्दे को सामने रखा है.'
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद 5 अगस्त से ही हिरासत में हैं. अंद्राबी ने कहा कि अगर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने विदेशी प्रतिनिधिमंडल और उपराज्यपाल से मुलाकात की थी, तो उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है.
घटनाक्रमों से ऐसा लगता है कि जम्मू-कश्मीर में एक नया राजनीतिक मोर्चा आकार ले रहा है. इस मोर्चे में हारे हुए नेताओं का समूह है, जिनमें से ज्यादातर दो बड़ी मुख्यधारा की पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बागी नेता हैं. हालांकि, फिलहाल इनमें से ज्यादातर पीडीपी के ही हैं.
कर सकते हैं नई पार्टी का गठन
शौकत गफूर अंद्राबी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे विभिन्न विकल्पों के बारे में विचार कर रहे हैं और अल्ताफ बुखारी के साथ जाने में संकोच नहीं करेंगे. पिछले हफ्ते पीडीपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी का समर्थन किया था जो आने वाले दिनों में एक नई पार्टी का गठन कर सकते हैं. बुखारी ने हाल ही में उपराज्यपाल से मुलाकात करके राज्य में सामान्य व्यवस्था बहाल करने की मांग की थी.
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करते हुए इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था. इसके बाद राज्य के लगभग सभी बड़े नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था. इसी क्रम पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी गिरफ्तार किया गया था.