
पाकिस्तान से आतंक की फंडिग करने वाले जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं पर आज तक के खुलासे का बाद शिकंजा कसता जा रहा है. NIA ने 7 अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार कर मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जिसके बाद उन्हें 10 दिन की रिमांड पर भेजा गया है. वहीं बड़े अलगाववादी नेता शब्बीर शाह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. लेकिन जब एनआईए अलगाववादियों को श्रीनगर से नई दिल्ली ला रही थी, तब जम्मू-कश्मीर की पुलिस ने एयरपोर्ट पर उन्हें रोकने की कोशिश की.
एनआईए ने श्रीनगर से अलगाववादी नेताओं को गिरफ्तार किया, जिसके बाद वो उन्हें जल्द ही दिल्ली लाना चाहती थी. लेकिन जम्मू-कश्मीर ने कागजाती कार्रवाई के चक्कर में एनआईए को काफी इंतजार करवाया. इंडिया टुडे के सूत्रों की मानें, तो जम्मू-कश्मीर की सरकार की ओर से सीनियर पुलिस अफसर को इस तरह की देरी करने के आदेश थे.
सूत्रों के मुताबिक, अब जब अलगाववादी नेताओं से पूछताछ शुरू होगी तो वह किसी तरीके से जम्मू-कश्मीर सरकार तक पहुंचना चाहेंगे. इसका असर राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी पड़ सकता था. लेकिन एयरपोर्ट पर पुलिस और एनआईए के बीच चल रहा ये मुद्दा आसानी से खत्म नहीं हुआ. इसके बाद एनआईए ने इस मुद्दे को सीधे गृहमंत्रालय के सामने रखा. जिसके बाद J&K प्रशासन को सख्त संदेश दिया गया, और उन पुलिस अफसरों पर भी कार्रवाई की मांग की गई जो अलगाववादी नेताओं को दिल्ली लाने में अड़चन डाल रहे थे.
आपको बता दें कि आजतक के ऑपरेशन हुर्रियत के बाद गिरफ्तार किए गए सात हुर्रियत नेताओं को मंगलवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को 10 दिन की रिमांड पर भेज दिया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी. एनआईए ने सोमवार को पाकिस्तान से फंडिग के मामले में 7 हुर्रियत नेताओं को कश्मीर से गिरफ्तार किया था. जिसके बाद इन सातों नेताओं को दिल्ली लाया गया. इनमें बिट्टा कराटे, नईम खान, अल्ताफ फंटूस, शहीद उल इस्लाम सहित दूसरे हुर्रियत नेता शामिल हैं.