
राज्यसभा में सांसद लाल सिंह बड़ोदिया ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से यह सवाल पूछा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के विरुद्ध ऑपरेशन को एकतरफा रोकने से सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की घटनाओं में क्या कमी आई है. उन्होंने यह भी सवाल पूछा कि क्या सरकार आतंकवादियों के विरुद्ध बड़े ऑपरेशन शुरू करने पर विचार कर रही है? इस पर गृह मंत्रालय ने राज्यसभा में लिखित जवाब दिया.
गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने रमजान के महीने के दौरान जम्मू कश्मीर में आक्रामक ऑपरेशन ना चलाने के संबंध में 16 मई 2018 को सुरक्षाबलों और सेना को आदेश जारी किए थे. हालांकि इस आदेश में यह भी कहा गया था कि अगर आम लोगों के जीवन की सुरक्षा के लिए आवश्यक हो, तो सुरक्षाबल उपयुक्त ऑपरेशन चला सकते हैं.
लिखित जवाब में हंसराज अहीर ने यह जानकारी भी दी कि 17 मई से 17 जून 2018 के दौरान 117 पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं, जबकि उसके पिछले एक महीने यानी 15 अप्रैल से 16 मई 2018 के बीच 219 पत्थरबाजी की घटनाएं हुईं. राज्यसभा में लिखित जानकारी में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से यह साफ किया गया है कि रमजान के दौरान सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन में पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी आई है.
गृह मंत्रालय सूत्रों से जानकारी मिली है कि 17 जून से 15 जुलाई के बाद से रमजान के महीने की तुलना में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों में कमी आई है. रमजान के दौरान एकतरफा संघर्ष विराम लागू था. उस दौरान सुरक्षा बल ऑपरेशन उस तरीके से नहीं कर रहे थे. 16 मई को रमजान के महीने की शुरुआत के साथ मिलिट्री ऑपरेशन को बंद कर दिया गया था.
बीजेपी द्वारा महबूबा मुफ्ती वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद 20 जून को राज्य में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था. पिछले एक महीने में 47 आतंकी घटनाएं हुईं, लेकिन रमजान के महीने में एकतरफा संघर्ष विराम के दौरान ऐसी घटनाओं की संख्या काफी ज्यादा थी.