
जाट आरक्षण पर अल्टीमेटम के बाद हरियाणा के 7 जिलों में जहां सीआरपीएफ की तैनाती कर दी गई है, वहीं रविवार को दिल्ली में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के नेताओं ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. नेताओं ने इस दौरान एक ज्ञापन भी सौंपा है, जिसमें 130 लोगों के खिलाफ लगा देशद्रोह का मुकदमा वापस लेने की मांग की गई है.
यही नहीं, जाट नेताओं ने मांग की है कि सरकार आरक्षण की उनकी मांग प र गौर करे और राजकुमार सैनी के बयान के खिलाफ कार्रवाई करे. बत दें जाट समुदाय ने राज्य की खट्टर सरकार को 5 जून से दोबारा आंदोलन की चेतवानी दी है, जिसके बाद एहतियातन सोनीपत के यमुना लिंक नहर पर भी पहरा लगा दिया गया है. हरियाणा सरकार ने पुलिस और खुफिया एजेंसियों को अलर्ट पर रहने और फेसबुक, ट्विटर और WhatsApp पर नफरत और दंगा भड़काने वाले मैसेजों पर नजर रखने के निर्देश दिए है.
63 गांवों के सरपंच सीएम से करेंगे मुलाकात
इस बीच एक पंचायत में फैसला किया गया कि झज्जर में जाट आरक्षण को लेकर दलाल बारह गांव के साथ 63 गांवों के सरपंच मुख्यमंत्री से मिलेंगे. यह पंचायत मांडोठी गांव में हुई. मुख्यमंत्री से मांग की गई है कि मांडोठी पंचायत में आकर मांगों पर घोषणा करें. पंचायत में नहीं आने पर सरकार के बहिष्कार पर भी फैसला लिया जा सकता है. पंचायत में जाट आरक्षण पर स्टे हटवाने, आंदोलन में मारे गए युवाओं को शहीद का दर्जा देने और आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे वापिस लेने की मांग की गई है. 5 जून को दलाल बारह की फिर पंचायत होगी.
बीरेंद्र सिंह ने किया आरक्षण का समर्थन
दूसरी ओर, रोहतक में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बीरेंद्र सिंह ने जाट आरक्षण का एक बार फिर समर्थन किया. उन्होंने कहा कि इस अगर शेड्यूल 9 में डाल दिया जाएगा तो 27 फीसदी की सूची में जाट भी आ जाएंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश कि आबादी का पौने दो फीसदी जाट हैं. ऐसे में अगर 27 फीसदी में इन्हें शामिल किया गया तो किसी को कोई तकलीफ नहीं होगी.