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झारखंड में भूख से एक और मौत, बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा न लगने से नहीं मिला था अनाज

मृतक के परिवार वालों के मुताबिक उन्हें अगस्त महीने के बाद राशन नहीं मिला था. उनका कहना है कि डीलर ने बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा काम नहीं करने का हवाला देते हुए राशन देने से मना कर दिया था. कुछ दिनों तक तो बचे हुए अनाज से काम चला लेकिन बीते दो दिन से घर में चूल्हा नहीं जला था.

बायोमेट्रिक मशीन में काम नहीं किया अंगूठा बायोमेट्रिक मशीन में काम नहीं किया अंगूठा
धरमबीर सिन्हा
  • देवघर ,
  • 24 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 5:50 PM IST

झारखंड में भूख से होने वाली मौतों का सिलसिला जारी है. सिमडेगा और धनबाद के बाद इस बार देवघर के मोहनपुर इलाके के भगवानपुर गांव में एक शख्स की मौत की खबर है. बताया जाता है कि 50 वर्षीय रूपलाल मरांडी की मौत बीते सोमवार को खाना नहीं मिलने की वजह से हो गयी. मृतक की बेटी मानोदी मरांडी का कहना है कि घर में अनाज का एक दाना भी नहीं था जिसकी वजह से रूपलाल ने बीते कई दिनों से कुछ भी नहीं खाया था.

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दो महीने से राशन नहीं

मृतक के परिवार वालों के मुताबिक उन्हें अगस्त महीने के बाद राशन नहीं मिला था. उनका कहना है कि डीलर ने बायोमेट्रिक मशीन में अंगूठा काम नहीं करने का हवाला देते हुए राशन देने से मना कर दिया था. कुछ दिनों तक तो बचे हुए अनाज से काम चला लेकिन बीते दो दिन से घर में चूल्हा नहीं जला था. ऐसे में परिवार वाले किसी तरह आसपास से मांग कर भोजन का जुगाड़ कर रहे थे. वहीं स्थानीय प्रशासन के मुताबिक रूपलाल की मौत सामान्य मृत्यु है. वैसे मौत की खबर के बाद मृतक के घर बड़े लोगों के आने का तांता लगा है. इनमें जिले के अधिकारी के अलावा राज्य के मंत्री राज पालीवाल, स्थानीय बीजेपी विधायक और JMM के नेता और पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता वहां पहुंचे और मामले की पड़ताल की. राज्य के श्रम और कौशल विकास मंत्री राज पालीवाल ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर दोषी व्यक्तियों पर कार्रवाई की जाएगी.

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सिमडेगा और धनबाद में मौतें

गौरतलब है कि सूबे के सिमडेगा और धनबाद में दो लोगों की मौत अबतक हो चुकी है. दोनों ही मामलों में परिवार वालों का मानना है कि मौतें कई दिनों तक भोजन नहीं मिलने की वजह से हुई हैं जबकि मुख्यमंत्री से लेकर स्थानीय अधिकारी यही बात दुहरा रहे हैं कि इन मौतों की असली वजह भूख नहीं बल्कि बीमारी है. वहीं इस मामले में विपक्ष ने भी सरकार पर जबरदस्त हमला करते हुई इसे लापरवाही का नमूना बताया है.

जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी का कहना है कि सरकार का यह स्वीकार करने में क्या हर्ज है कि मौत गरीबी और खाना न मिलने की वजह से हुई हैं. कांग्रेस के नेता सुबोधकांत का कहना है कि सरकार का कोई भी अदना सा अधिकारी मौके पर पहुंचे बिना डॉक्टरी जांच के बिना यह घोषणा कर देता है कि मौत बीमारी से हुई है. JVM विधायक प्रदीप यादव का कहना है कि इस इलाके में तमाम सरकारी योजनाएं फेल हैं. विपक्ष इन सभी मौतों की निष्पक्ष जांच और दोषियों को जल्द सजा दिलाने की मांग कर रहा है. 

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