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झारखंड में एक के बाद एक भूख से हो रही मौत की खबरों के बीच जहां प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है वहीं राज्य सरकार भी बैकफुट पर है और उसे सफाई देनी पड़ रही है.
राज्य में तीन दिन पहले गिरिडीह में भूख से हुई मौत की खबर अभी चर्चा में ही थी कि सोमवार को चतरा जिले में भूख से हुई एक और मौत की खबर आने से सूबे में राजनीतिक माहौल भी गरमा गया है.
इस मसले पर सरकार का पक्ष रखते हुए राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने आजतक से कहा कि पीडीएस सिस्टम में कोई खामी नहीं है और भूख से हो रही मौत की खबर बेबुनियाद है. दरअसल गिरिडीह की जो घटना है उसकी जांच हो चुकी है.
उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि जिलाधिकारी के मुताबिक महिला के खाते में 2,500 रुपये जमा थे. साथ ही उसका एक बेटा 7,000 कमा रहा है और दूसरे बेटे को भी 3,000 महीना मिल रहा है. भाई भी भरण पोषण करता है.
मंत्री
मंत्री सरयू राय के मुताबिक महिला मानसिक तौर पर बीमार थी. यह भूख से मौत का मामला नहीं है. उनका कहना है कि भूख से मौत की खबर समझ से परे है. इस बारे में स्थानीय लोगों ने लिखित बयान दिया है. साथ ही बैंक स्टेटमेंट भी आ चुके हैं और जहां तक चतरा जिले की बात है तो 15 दिन पहले ही यह महिला बाराचट्टी बिहार से इटखोरी आई थी. ऐसे में कोई प्रावधान नहीं है कि उसका पीडीएस कार्ड बने.मंत्री ने झारखंड में चल रहे मुख्यमंत्री दाल-भात योजना पर कहा कि योजना फेल नहीं हुई है. इटखोरी-चतरा में यह योजना बंद है या नहीं, यह जरूर जांच का विषय हो सकता है. विभाग या मुख्यमंत्री जो भी घोषणा करते हैं उसे विभागीय अधिकारियों को चलाना चाहिए. वैसे मृतक महिला की पोस्टमार्टम से सच्चाई का पता चल जाएगा.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में जरूर कुछ लोग भोजन के अधिकार को लेकर बातें कर रहे हैं, लेकिन उन्हें किसी के मरने से पहले उन्हें पता नहीं होता या ऐसी खबर की जानकारी नहीं होती. मरने के बाद ही बातें होती हैं.
सरयू राय के मुताबिक राज्य में खाद्य सिस्टम बिलकुल दुरुस्त है, हालांकि इसका यह मतलब नहीं कि झारखंड में भूख से मौत नहीं हो रहीं.