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झारखंड: अब नक्सलियों का सामना करेगी स्थानीय युवाओं की फौज

माओवादियों से निपटने के लिए झारखंड में तीन ऐसी बटालियन बनने वाली हैं जिसमें स्थानीय युवाओं की ही बहाली होगी. स्थानीय युवाओं की इस फौज में बड़ी संख्या में जनजातीय युवाओं की भागीदारी होगी.

माओवादी माओवादी
सबा नाज़/धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 25 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:56 PM IST

माओवादियों से निपटने के लिए झारखंड में तीन ऐसी बटालियन बनने वाली हैं जिसमें स्थानीय युवाओं की ही बहाली होगी. स्थानीय युवाओं की इस फौज में बड़ी संख्या में जनजातीय युवाओं की भागीदारी होगी.

केंद्र सरकार 13 नई सशस्त्र पुलिस बटालियन बनाएगी. इनमें से तीन बटालियन झारखंड में बनाई जाएंगी. पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के लिए 12 इंडिया रिजर्व बटालियनों को मंजूरी दे दी है. ये झारखंड के युवाओं के लिए सुनहरा मौका साबित होगा.

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नक्सलग्रस्त जिलों के युवकों की होगी भर्ती
दो इंडिया रिजर्व बटालियन सीआरपीएफ में ऑग्जिलरी बटालियनों में तब्दील की जायेंगी. इनमें झारखंड, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र और ओडिशा के नक्सल प्रभावित 15 जिलों से युवाओं की भर्ती की जायेगी. वैसे झारखंड में पहले से ही इंडियन रिजर्व की पांच बटालियन और स्पेशल इंडियन रिजर्व की दो बटालियन मौजूद हैं. तीन नई बटालियन बनने से झारखंड में बटालियन की संख्या 10 हो जाएगी. शुरुआत में बटालियन के गठन से लेकर अगले तीन साल तक का खर्च केंद्र सरकार उठाएगी, इसके बाद केंद्र और राज्य सरकार मिलकर खर्च उठाया करेंगी.

स्थानीय युवाओ की भर्ती से नक्सली होंगे पस्त
तीन नई बटालियन बनने से झारखंड में तकरीबन 2700 युवाओं को नौकरी का मौका मिलेगा, हर बटालियन के हिसाब से 850 से 900 पदों पर बहाली होगी. इस तरह नक्सल प्रभावित जिलों के युवाओं के जुड़ने से नक्सलियों पर लगाम लगेगी.

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