
झारखंड के पूर्वी सिंहभूमि के घाटशिला के पास एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. इस घटना में बेहतर इलाज के लिए मेडिकल सेंटर ले जाने के बजाए एक मरीज को पुलिस ने नाले में फेंक दिया. पॉलीथीन में लपेटा हुआ मरीज करीब 20 घंटे तक नाले में पड़ा रहा. इस दौरान बारिश का पानी उसके शरीर पर गिरता रहा. इसकी वजह से मरीज न केवल निमोनिया का शिकार बन गया, बल्कि उसके शरीर पर गहरे जख्म भी हो गए. इस पूरे मामले पर पुलिस ने चुप्पी साध रखी है.
जानकारी के मुताबिक, जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में मौत से लड़ते व्यक्ति का नाम तक भी किसी को मालूम नहीं है. यह व्यक्ति पुलिस की अमानुषिक व्यवहार का शिकार बन इस हालात में पहुंचा है. बीते 4 सितंबर को सड़क पर दर्द से कराह रहे एक आदमी को इलाज के लिए झारखंड के पीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहां से बेहतर इलाज के लिए एमजीएम मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया. लेकिन पुलिसवालों ने अस्पताल ले जाने की बजाए उसे फेंक दिया.
गांववालों ने नाले के पास एक प्लास्टिक के अंदर हरकत देख कर उसे खोला तो कंबल में लिपटे एक आदमी को देख हैरान रह गए. उसके शरीर में हरकत हो रही थी. उसे दर्द और बुखार से तड़पता देख स्थानीय पुलिस इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद पुलिस ने एम्बुलेंस मंगवा कर उसे अस्पताल पहुंचाया. फिलहाल मरीज का इलाज एमजीएम अस्पताल में किया जा रहा है, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सभी चुप्पी साध रखे है.