
झारखंड के हजारीबाग जिले में भूख से हुई मौत ने राज्य सरकार के तमाम दावों की पोल खोलकर रख दी है. कटकमसांडी इलाके के सारूगारु गांव में बीती रात इंद्रदेव माली की मौत हो गई. परिवारजनों के मुताबिक, मृतक बीते कई दिनों से बीमार था. घर में तीन दिन से चूल्हा नहीं जला था और ना ही खाने के लिए एक अनाज का दाना था. हालांकि, प्रशासन इसपर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है.
इंद्रदेव बीपीएल कार्डधारक था, जिसे बाद में हेल्थ कार्ड में तब्दील कर दिया गया था. उसे दो महीने से सरकारी सहायता के तहत मुफ्त मिलने वाला अनाज भी नहीं मिल रहा था. इसकी सूचना मुखिया को मिलने पर उसने जिले के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी. लेकिन, अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.
मामले को तूल पकड़ता देख प्रशासन हरकत में आया और इंद्रदेव की पत्नी को तत्काल 50 किलो चावल और एक हजार रुपये दिए गए. साथ ही पारिवारिक लाभ योजना के तहत 25 हजार रुपये नकद, प्रधानमंत्री आवास और विधवा पेंशन देने का भी आश्वासन दिया गया. इंद्रदेव के तीनों बच्चो का सरकारी विद्यालयों में नामांकन कराने की बात भी की गई है.