Advertisement

जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ छात्रों ने निकाला मशाल जुलूस

प्रशासन की तरफ से मंगलवार को एक नया सर्कुलर जारी किया गया, जिसमें छात्रों से अपील की गई कि 12 दिसंबर को होने वाली परीक्षा में हिस्सा लें, अन्यथा उनकी मान्यता भी रद्द हो सकती है.

जेएनयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन की फाइल फोटो (ANI) जेएनयू छात्रों के विरोध प्रदर्शन की फाइल फोटो (ANI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:55 AM IST

  • जेएनयू प्रशासन ने परीक्षा में शामिल होने को कहा
  • शामिल न होने पर परीक्षा रद्द करने की चेतावनी

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है. वहीं जेएनयू प्रशासन भी रियायत के बाद पूरी तरह सख्त होता नजर आ रहा है. प्रशासन की तरफ से मंगलवार को एक नया सर्कुलर जारी किया गया जिसमें छात्रों से अपील की गई कि 12 दिसंबर को होने वाली परीक्षा में हिस्सा लें, अन्यथा उनकी मान्यता भी रद्द हो सकती है. इस सर्कुलर के बाद छात्रों का प्रदर्शन रात में देखने को मिला.

Advertisement

छात्रों ने मंगलवार रात में मशाल जुलूस निकाला और पूरे कैंपस में प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. छात्र बढ़ी हुई फीस के रोलबैक की मांग पर अड़े हुए हैं. अब इन छात्रों के प्रदर्शन में जेएनयू शिक्षक संघ यानि जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन भी पूरे दमखम के साथ उतरने जा रहा है और प्रशासन भवन पर भूख हड़ताल की तैयारी है. बता दें, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की तरफ से भी अभी तक कोई हल सामने नहीं आया है.

एचआरडी मंत्रालय ने इसके पहले यूजीसी के पूर्व प्रमुख वी.सी. चौहान की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी, जिसे प्रदर्शनकारी जेएनयू के छात्रों से बातचीत की जिम्मेदारी दी गई थी. छात्रों ने आरोप लगाया था कि प्रशासन प्रस्तावित हॉस्टल शुल्क वृद्धि को लेकर बातचीत से भाग रहा है. यूजीसी के सचिव रजनीश जैन और एनआईसीटीई के सदस्य अनिल सहस्रबुद्धे भी इस उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य हैं.

Advertisement

जैन ने कहा, छात्रों के साथ अब और बैठक नहीं होगी. हमने उनकी चिंताओं को समझ लिया है और अपनी सिफारिशें देते वक्त हम उन चिंताओं को ध्यान में रखेंगे. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लेगा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement