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न्यायपालिका को भीतर से मिल रही हैं चुनौतियांः CJI

सीजेआई टीएस ठाकुर ने कहा है कि जजों ने बेखौफ होकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है, लेकिन सिर्फ अतीत की उपलब्धियों पर खुश नहीं रहा जा सकता. उन्होंने कहा, 'भविष्य में हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं और हमें उनसे निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है.

जस्टिस ठाकुर ने जजों से बेखौफ रहने के लिए कहा जस्टिस ठाकुर ने जजों से बेखौफ रहने के लिए कहा
केशव कुमार/BHASHA
  • इलाहाबाद,
  • 13 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 12:02 AM IST

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस टीएस ठाकुर ने रविवार को कहा है कि एक संस्था के तौर पर न्यायपालिका विश्वसनीयता के संकट का सामना कर रही है. इसके भीतर से मिलने वाली यह बड़ी चुनौती है. उन्होंने जजों से अपने कर्तव्यों के प्रति सचेत रहने को कहा.

बड़ी तादाद में मामलों के लंबित होने पर चिंता जताए जाने पर ठाकुर ने कहा कि जजों के अतिरिक्त घंटे बैठने के तैयार होने पर भी मामलों के निपटारे में बार असोसिएशन बहुत मददगार नहीं रहा है.

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बार मदद करे तो शनिवार को भी बैंठेंगे जज
इलाहाबाद हाई कोर्ट के 150वें स्थापना वर्ष के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जस्टिस टीएस ठाकुर ने कहा, 'कभी-कभी जजों को लगता है कि 'बार' के मदद न करने से भी मामलों के निपटारे में देरी होती है.' चीफ जस्टिस ने कहा कि वह वकीलों को आश्वस्त कर सकते हैं कि अगर बार मदद करता है तो जज पुराने मामलों का निपटारा करने के लिए शनिवार को भी बैठने को तैयार हैं, खास तौर पर बरसों से जेल में कैद लोगों के मामलों में.

चुनौतियों के सामने हमेशा आगे बढ़े जज
इलाहाबाद हाई कोर्ट के गौरवपूर्ण इतिहास का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उनके लिए यह बड़े गर्व की बात है कि पंडित मोतीलाल नेहरू, पंडित जवाहरलाल नेहरू, तेज बहादुर सप्रू और कैलाश नाथ काटजू उनके गृह राज्य जम्मू कश्मीर से थे. उन्होंने कहा कि इस अदालत ने मुश्किल वक्त देखे हैं, कई मुश्किल चुनौतियों का भी सामना किया है, लेकिन जज उस वक्त आगे बढ़े हैं.

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हमेशा लोक निगरानी में है न्यायपालिका
ठाकुर ने कहा कि जजों ने बेखौफ होकर अपनी जिम्मेदारी निभाई है, लेकिन सिर्फ अतीत की उपलब्धियों पर खुश नहीं रहा जा सकता. उन्होंने कहा, 'भविष्य में हमारे सामने बड़ी चुनौतियां हैं और हमें उनसे निपटने के लिए तैयार रहने की जरूरत है. जुडिशरी एक संस्था है. जैसा कि हम बखूबी जानते हैं, यह हमेशा ही लोक निगरानी में रही है और चुनौतियां न सिर्फ अंदर से हैं बल्कि बाहर से भी हैं.'

परेशान नहीं करती बाहरी चुनौतियां
उन्होंने कहा, 'बाहरी चुनौतियां हमें परेशान नहीं करती. हम उनका बखूबी सामना करते हैं, लेकिन हमें याद करना होगा और हमें जिन चीजों के बारे में सचेत होने की जरूरत है, वे हमारे ही बीच से आने वाली चुनौतियां हैं.'

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