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विकीलीक्स के असांज जीते, UN पैनल ने कहा- इन्हें आजाद घूमने दें और हर्जाना भी दें

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज जीत गए. संयुक्त राष्ट्र के लीगल पैनल ने कहा है कि उन्हें आजाद घूमने देना चाहिए. साथ ही उनके दूतावास में रहने को अवैध हिरासत कहा है.

जूलियन असांज जूलियन असांज
विकास वशिष्ठ
  • न्यूयॉर्क,
  • 05 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 5:46 PM IST

विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज आखिरकार जीत गए. संयुक्त राष्ट्र के लीगल पैनल ने उन्हें आजाद करने का फैसला सुनाया है. साथ ही कहा है कि उनकी स्वतंत्रता का जो हनन हुआ है, उसका उन्हें हर्जाना दिया जाना चाहिए.

क्या कहा लीगल पैनल ने?
असांज लंदन के इक्वाडोर दूतावास में हैं. लीगल पैनल ने कहा कि असांज का इस तरह इक्वाडोर दूतावास में फंसे रहना अवैध हिरासत की तरह है. पैनल की रिपोर्ट प्रकाशित होने के एक दिन पहले विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा था कि यूएन का कार्यकारी पैनल स्वीडिश ट्रिब्यूनल से अलग फैसले पर पहुंचा है.

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असांज पर था रेप का आरोप?
असांज पर स्वीडन में रेप का आरोप लगा था. इसके बाद से ही स्वीडन उनके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रहा था. वह जून 2012 से दूतावास में रह रहे हैं. सितंबर 2014 में असांज ने स्वीडन और ब्रिटेन के खिलाफ यूएनडब्लूजीएडी में शिकायत दर्ज कराते हुए दावा किया था कि दूतावास में उनका फंसे रहना अवैध हिरासत की तरह है, जिसे लीगल पैनल ने मान लिया. उन्हें 2010 में गिरफ्तार किया गया था.

आगे क्या?

  • अब असांज के वकील उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को खत्म करने की मांग करेंगे.
  • स्वीडन साफ कर चुका है कि इससे उसकी जांच पर असर नहीं पड़ेगा, यानी यह जारी रहेगी.
  • ब्रिटेन पुलिस ने कहा है कि जब तक वारंट खत्म नहीं होता गिरफ्तारी का खतरा बना रहेगा.
  • असांज के वकील 2010 से अब तक हुई मानसिक पीड़ा के लिए हर्जाने का दावा ठोक सकते हैं.

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