
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत के चीफ जस्टिस के खिलाफ असंतोष जताने वाले चार जजों में शामिल सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस कुरियन जोसेफ ने अब सरकार पर निशाना साधा है.
उन्होंने एक समारोह में जजों की नियुक्ति में देरी पर निराशा जाहिर की. जस्टिस जोसेफ ने कहा कि जजों की नियुक्ति में सरकार बेवजह की देरी कर रही है. यह किसी भी तरह से उचित नहीं है.
समारोह में व्याख्यान देते हुए जस्टिस कुरियन जोसेफ ने हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति के बारे में कहा कि तीन हफ्ते के भीतर उनकी भी नियुक्ति हो जानी चाहिए.
इसी समारोह में जस्टिस मदन भीमराव लोकुर भी थे. जस्टिस लोकुर भी उन जजों में शामिल हैं जिन्होंने ऐतिहासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. जस्टिस लोकुर ने भी लंबित मामलों पर कहा कि हमें जमीनी स्तर पर इसको देखना होगा. न्यायपालिका में खाली जगहें भरने के लिए तय शेड्यूल होना चाहिए. टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से लंबित मामलों की संख्या में कमी की जा सकती है.
जस्टिस लोकुर ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या निचली अदालतों को लेकर हम अपने रिसोर्स का इस्तेमाल करते हैं? हमारा सिस्टम क्या सिर्फ क्लास के लिए काम करता है, मास के लिए नहीं? जस्टिस लोकुर ने कहा कि 43 लाख से ज्यादा मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं. आखिर कौन-कौन है, इसके लिए ज़िम्मेदार? क्यों ये बोझ घटने की बजाय बढ़ता ही जा रहा है? ये सारे असहज सवाल हमें खुद पूछना चाहिए. आपको बता दें कि कुछ महीनों पहले ही सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों ने मीडिया को संबोधित किया था. यह अपने आप में ऐतिहासिक मामला था.