
पत्रकारों ने जब मिर्ची बाबा से पिछले हफ्ते टीकमगढ़ की एक सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया ली तो उन्होंने कहा कि 'सिंधिया ने कुछ गलत नहीं कहा बल्कि उनकी बातों को लोगों ने ठीक से समझा नहीं. सिंधिया अकेले नहीं बल्कि हम संत समाज ने भी कांग्रेस के पक्ष में प्रचार किया था. यदि सरकार ने वचनपत्र में दिए वचनों को पूरा नहीं किया तो सिंधिया के साथ मैं भी संत समाज के लोगों के साथ सड़क पर उतरूंगा.'
गौरतलब है कि मिर्ची बाबा पिछले साल उस वक्त सुर्खियों में आये थे जब उन्होंने भोपाल लोकसभा सीट से दिग्विजय सिंह की जीत के लिए 5 क्विंटल मिर्च से यज्ञ किया था और दिग्विजय की जीत का दावा किया था. मिर्ची बाबा ने दिग्विजय के हारने पर समाधि लेने की बात भी की थी. हालांकि दिग्विजय चुनाव हार गए थे और मिर्ची बाबा ने समाधि नहीं ली थी.
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सरकार का घोषणा पत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ
पिछले हफ्ते टीकमगढ़ में एक सभा के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि 'अतिथि शिक्षकों से जो वचन कांग्रेस ने चुनाव के समय किया था वो हमारे लिए ग्रंथ है और उसे पूरा करेंगे. अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं. आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थीं. मैंने आपकी आवाज उठाई थी और ये विश्वास मैं आपको दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग जो हमारी सरकार के घोषणापत्र में अंकित है वो घोषणापत्र हमारे लिए हमारा ग्रंथ है'.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों को सब्र रखने की सलाह देते हुए कहा था, 'अगर उस घोषणापत्र का एक-एक अंश पूरा न हुआ तो अपने को सड़क पर अकेले मत समझना. आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा. सरकार अभी बनी है, एक साल हुआ है. थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा. बारी हमारी आएगी, ये विश्वास, मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आये तो चिंता मत करो, आपकी ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा'.
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क्या थी कमलनाथ की प्रतिक्रिया?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसका जवाब दिया था. दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गुस्से में दो टूक जवाब देते हुए कहा था कि 'तो वो उतर जाएं.' इसके बाद माना जा रहा था कि सिंधिया और कमलनाथ के बीच सब ठीक नहीं चल रहा है. वहीं कमलनाथ के बयान के बाद सिंधिया ने फिर इसी बात को दोहराया था कि सरकार वचनपत्र में दिए गए वचनों को पूरा नहीं करती है तो सड़क पर उतरना ही पड़ेगा.