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कैलाश विजयवर्गीय बोले- 'पाक जिंदाबाद' कहने वालों की जबान क्यों न काट दी जाए?

बीजेपी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारों को लेकर जारी विवाद पर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया. विजयवर्गीय ने कहा कि- क्या भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद करने वाले देशद्रोहियों की जबान नहीं काट देनी चाहिए?

संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 11:25 AM IST

बीजेपी के सीनियर नेता कैलाश विजयवर्गीय ने जेएनयू में राष्ट्रविरोधी नारों को लेकर जारी विवाद पर शुक्रवार को बड़ा बयान दिया. विजयवर्गीय ने कहा कि- क्या भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद करने वाले देशद्रोहियों की जबान नहीं काट देनी चाहिए?

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'क्या भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद करने वाले देशद्रोहियों की जबान नहीं काट देनी चाहिए?'

अपने बयानों को लेकर कई बार विवादों में रह चुके विजयवर्गीय ने एक दूसरे ट्वीट में कहा, 'आज इलाहाबाद में एक पूर्व सैनिक ने मुझसे एक ऐसा सवाल किया जो आज हर राष्ट्रभक्त को सता रहा है.'

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उन्होंने कहा, 'प्रश्न था- हम सैनिक सीमा पर प्राणों की बाजी क्या इसलिए लगाते हैं कि देश के अंदर लोग पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाएं और कोई कुछ ना कहे?'

बीजेपी महासचिव ने पूर्व सैनिक के साथ अपनी बातचीत की तरफ इशारा करते हुए कहा, 'भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले देशद्रोहियों की जुबान क्यों नहीं काट दी जाती? मुझे लगा कि उस पूर्व सैनिक के मुंह से आज भारत का हर राष्ट्रभक्त बोल रहा है.'

विजयवर्गीय ने कहा- लेकिन सवाल यह उठता है, कि भारत जैसे लोकतांत्रिक और संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करने वाले देश में क्या यह संभव है?

मुझे लगा कि उन पूर्व सैनिक के मुंह से आज भारत का हर राष्ट्रभक्त बोल रहा है. भारत में रहकर पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले देशद्रोहियों की ज़बान क्यों नहीं काट दी जाती?.

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गौरतलब है कि जेएनयू और प्रेस क्लब में देशविरोधी नारों को लेकर बवाल जारी है.

आतंकी अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में जेएनयू में आयोजित किए गए कार्यक्रम के बाद उठा विवाद बढ़ गया है. दिल्ली पुलिस ने छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच कन्हैया कुमार को अदालत में पेश किया गया जिसने 3 दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया.

टीचर्स एसोसिएशन विरोध में उतरा
इस बीच JNU टीचर्स एसोसिएशन ने छात्र संघ अध्यक्ष की गिरफ्तारी का विरोध किया है. टीचर्स एसोसिएशन तीन मांगों के साथ जेएनयू के वीसी से मिला. इसमें छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की तुरंत रिहाई, छात्रों और शिक्षकों से पूछताछ और समन रोकने की मांग और छात्रों पर लगी धाराओं को खत्म करने की मांग शामिल है. शाम में टीचर्स एसोसिएशन और छात्रों ने कन्हैया  कुमार की रिहाई की मांग के साथ विरोध मार्च निकाला.

8 छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिबंध
इस बीच, जेएनयू में हुई आपत्तिजनक नारेबाजी की जांच कर रही कमेटी ने आठ छात्रों को शैक्षणिक गतिविधियों से प्रतिबंधित कर दिया है. यह प्रतिबंध जांच खत्म होने तक रहेगा.

ABVP का विरोध
उधर, इस मामले पर ABVP ने देशविरोधी नारे लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ दिल्ली में कई जगह प्रदर्शन किया. राजपथ पर प्रदर्शन कर रहे ABVP के कार्यकर्ताओं को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

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इसके साथ ही, गुरुवार शाम प्रेस क्लब में हुई देश विरोधी नारेबाजी के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली जावेद को भी पूछताछ के लिए तलब कर लिया गया.

पुलिस की ओर से बुलाए जाने पर प्रोफेसर जावेद अपने वकील के साथ संसद मार्ग पुलिस स्टेशन पहुंच गए.

गृह मंत्री ने कहा- दोषियों को छोड़ेंगे नहीं
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जेएनयू में चल रहे बवाल पर में शामिल और भारत विरोधी नारे लगाने वालों को सरकार नहीं बख्शेगी. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है.

जेएनयू में अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश विरोधी नारे लगाए जाने के मामले में गृह मंत्री में कहा कि देश के खिलाफ कोई भी कदम बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'जेएनयू में जो कुछ हुआ है उसे लेकर मैंने दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को जरूरी निर्देश दिए हैं. जरूरी एक्शन लिया जाएगा.' उन्होंने कहा कि देश के खिलाफ नारेबाजी करने वालों और देश की गरिमा को चोट पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज
दिल्ली पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है. बीजेपी सांसद महेश गिरी ने मामले में देशद्रोह का केस चलाने की मांग की थी और उनकी शिकायत पर वसंत कुंज पुलिस स्टेशन में अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 12A के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

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ABVP ने किया आंदोलन का ऐलान
छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने घटना के विरोध में देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है. एबीवीपी ने कहा कि जेएनयू में हुई घटना देश का अपमान है और देश को बांटने की कोशिश की जा रही है. इस घटना में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए.

JNU छात्र संघ ने किया ABVP का विरोध
दूसरी ओर जेएनयू छात्र संघ ने जेएनयू परिसर में उठे विवाद से खुद को ‘अलग’ करते हुए कहा कि यह एबीवीपी की विश्वविद्यालय की ‘लोकतांत्रिक परंपरा’ को रोकने की कोशिश है. JNUSU में वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) के दो सदस्य, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) से एक और बीजेपी संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से एक सदस्य हैं. JNUSU अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा, ‘हम विवाद से खुद को अलग करते हैं और मुद्दे पर जिस तरह हंगामा खड़ा किया गया है उससे हैरान हैं. इसे JNUSU की गतिविधि के तौर पर पेश किया जा रहा है. हम कार्यक्रम में लगाए गए अलोकतांत्रिक नारों की निंदा करते हैं लेकिन यह विश्वविद्यालय की छवि खराब करने और विश्वविद्यालय की लोकतांत्रिक परंपरा को रोकने का एबीवीपी का प्रपंच है.’

'भारत मां का अपमान नहीं सहेगा देश'
केंद्रीय मानव संसाधव विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने भी घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा, 'आज सरस्वतीजी की वंदना का दिन है. भारत मां का अपमान देश कभी सहन नहीं करेगा.'

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क्या है मामला?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मंगलवार शाम को संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरु और जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया था. डेमोक्रेटिक स्टूडेंट यूनियन से ताल्लुक रखने वाले 10 छात्रों ने अफजल गुरु की बरसी पर ये कार्यक्रम आयोजित किया था. जिसके अंत में एबीवीपी ने विरोध जताते हुए हंगामा किया और बात मारपीट तक जा पहंची. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बुलाया.

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