
दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के कारण लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली-एनसीआर के लाखों लोग हर दिन घंटों जाम से जूझ रहे हैं. 10 मिनट का फासला 1 घंटे में पूरा किया जा रहा है. सड़क खोलने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. इस याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी.
इससे पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी जिसे अदालत ने ठुकरा दिया था. विरोध-प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को शाहीन बाग से किसी अन्य जगह हटाने के लिए याचिका दायर की गई थी जिसे कोर्ट ने ठुकरा दी. इसके अलावा याचिका में डीएनडी फ्लाईवे सहित इलाके से जुड़े क्षेत्र में ट्रैफिक को सुचारू करने के लिए लगाए गए बैरिकेड्स और रुकावट को दूर करने की भी मांग की गई थी.
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (आईजीएनओयू) के छात्र तुषार सचदेव की ओर से दायर याचिका को चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल और जस्टिस सी. हरिशंकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने खारिज कर दिया. याचिका में कहा गया था, लाखों लोगों को परेशानी हो रही है और यह लोगों के लिए आपातकाल जैसी स्थिति है. प्रदर्शनकारियों ने सड़कों के दोनों तरफ बैरिकेड्स और भारी पत्थर लगा दिए हैं और पैदल चलने वालों को भी आने जाने नहीं दिया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों ने डिवाइडर्स और अन्य सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है.