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जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने गुजरात की धरती से एक बार फिर केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. मौका था महेसाना में उना के दलितों पर हुई पिटाई की बरसी पर आयोजित एक कार्यक्रम 'आजादी कूच' का. कार्यक्रम में कन्हैया कुमार ने बीजेपी के बहुप्रचारित नारे 'अबकी बार, मोदी सरकार' की भी खिल्ली उड़ाई.
गुजरात के महेसाना से उना तक की आजादी कूच में हिस्सा लेने के लिए गुजरात आए जेएनयू के छात्र नेता कन्हैया कुमार ने गुजरात के महेसाना में उना के दलितों पर गोहत्या के नाम पर की गई बर्बरता की बरसी पर आयोजित की गई आजादी की कूच में हिस्सा लिया. महेसाना में आयोजित की गई इस आजादी कूच में दलित नेता जिग्नेश मेवानी भी मौजूद थे. कन्हैया कुमार ने मोदी सरकार के नारे को भी आड़े हाथों लिया. कन्हैया ने कहा, "मोदी सरकार ने नारा दिया था अबकी बार मोदी सरकार लेकिन जिस तरह देश में किसानों की आत्महत्या हो रही है उसके बाद तो यही कहना चाहिए कि अब और बढ़ेगा किसानों पर अत्याचार, आ गई है कमीनी मोदी सरकार."
आपको बता दें कि आजादी कूच के लिए बार-बार अनुमति मांगने के बावजूद सरकार के द्वारा महेसाना से उना के लिए रैली को अनुमति नहीं दी गई थी. इसके बावजूद भी यात्रा महेसाना से शुरू हुई लेकिन पुलिस ने कन्हैया कुमार, जिग्नेश मेवानी समेत सभी नेताओं को हिरासत में ले लिया.
एक साल पहले गुजरात के उना में कथित गौरक्षकों द्वारा दलितों की गई पिटाई के वीडियो ने हंगामा मचा दिया था. पिछले साल 11 जुलाई को वशराम सरवैया (26), रमेश सरवैया (23), उनके चचेरे भाई अशोक सरवैया (20) और उनके रिश्तेदार बेचर (30) की कथित गौरक्षकों ने बुरी तरह से पिटाई कर दी थी. ये सभी लोग गांव में एक 'मरी हुई गाय' का चमड़ा उतार रहे थे. हमले की खबर मिलने पर रमेश और अशोक के पिता बालू सरवैया और मां कुंवर घटनास्थल पर पहुंचे. जिसके बाद हमलावरों ने उनकी भी पिटाई की. इतना ही नहीं कथित गौरक्षकों ने इन लोगों के अलावा पड़ोस के गांव के देवशी बाबरिया और गाय के मालिक नाजा श्योरा की भी पिटाई की थी. बाद में वशराम, रमेश, अशोक और बेचर को एक कार में लाद कर उना टाउन ले जाया गया और गाड़ी के पीछे बांधकर भी उनकी पिटाई की गई थी. आपको बता दें कि उना हमले का वीडियो वायरल होने के बाद गुजरात सरकार ने हर पीड़ित को चार-चार लाख रुपए की राहतराशि भी दी थी.