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कानपुर IIT ने गंगा किनारे बसे 5 गांवों को लिया गोद

'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट के तहत गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा के किनारे बसे 13 शिक्षण संस्थानों को 5-5 गांव गोद लेना है. इस योजना के तहत आईआईटी कानपुर ने इन 5 गांव को चुना है.

कानपुर आईआईटी कानपुर आईआईटी
अंजलि कर्मकार/बालकृष्ण
  • लखनऊ,
  • 19 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 10:46 AM IST

सांसदों के गांव को गोद लेने की योजना भले ही फ्लॉप साबित हुई हो, लेकिन अब आईआईटी कानपुर ने गंगा के किनारे बने पांच गांवों को गोद लेने का फैसला किया है. आईआईटी ने 'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट के तहत, पांच गांवों को गोद लेकर इन्हें निर्मल बनाने, यहां की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने और यहां से गंदा पानी गंगा में ना जाए इसके लिए गांववालों को जागरूक करने की जिम्मेदारी ली है.

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'नमामि गंगे' प्रोजेक्ट के तहत गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा के किनारे बसे 13 शिक्षण संस्थानों को 5-5 गांव गोद लेना है. इस योजना के तहत आईआईटी कानपुर ने इन 5 गांव को चुना है. योजना है कि इन 5 गांव को आदर्श ग्राम में तब्दील कर दिया जाए और यहां ऐसी व्यवस्था कर दी जाए कि यहां से कोई भी गंदा पानी नदी में ना मिले.

इन गांवों को लिया गोद
कानपुर में आईआईटी भी गंगा के किनारे बसा है. आईआईटी ने कानपुर में गंगा के किनारे बसे जिन पांच गांवों को गोद लिया है उनके नाम हैं:- रेमल नगर, ख्योरा कटरी, प्रतापपुर, हरि हिंदपुर और कटरी लोधवा खेड़ा गांव. अब आईआईटी इन गांवों की साफ-सफाई का जिम्मा उठाएगी. इन गांवों में ऐसे शौचालय बनाए जाएंगे, जिनसे गंदगी बाहर न निकले. योजना को सफल बनाने के लिए आईआईटी गांव के लोगों के साथ मिलकर काम करेगी और उन्हें जागरुकता अभियान में शामिल करेगी.

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