
कानपुर शूटआउट में शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के निलंबित एसएचओ विनय तिवारी के खिलाफ आठ प्रारंभिक जांच रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी थी. सूत्रों के मुताबिक, शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने विनय तिवारी को भ्रष्टाचारी बताया था और रिपोर्ट में लिखा था कि विनय तिवारी की जुए के कारोबार में भूमिका है.
सूत्रों के मुताबिक, शहीद क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा ने चौबेपुर के निलंबित एसएचओ विनय तिवारी को पहले ही हटाने की सिफारिश उच्च अधिकारियों से की थी, लेकिन इस प्रकरण पर कोई कार्यवाही नहीं हुई. शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में एसएचओ विनय तिवारी को भ्रष्टाचारी और विवेचना में गड़बड़ी करने वाला बताया था.
इस बीच एक लेटर सामने आया है, जिसमें शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने तत्कालीन एसएसपी से चौबेपुर के एसएचओ रहे विनय तिवारी की शिकायत की थी. शहीद सीओ ने एसएचओ विनय तिवारी का बदमाश विकास दुबे से संबंध होने और भविष्य में गंभीर घटना होने का शक भी जताया था. बाद में विकास ने ही सीओ समेत आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी.
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शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट में एसएसओ विनय तिवारी को जुआ खिलवाने वाला और जनता से अभद्र व्यवहार करने का दोषी बताया था, लेकिन उच्च अधिकारियों के कानों में शिकायत की रिपोर्ट की जूं तक नहीं रेंगी. सूत्रों के मुताबिक, शहीद सीओ ने विनय तिवारी के खिलाफ आठ जांच रिपोर्ट भेजी थी.
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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पिछले आठ से दस महीनों में लगातार सीओ देवेंद्र मिश्रा ने निलंबित एसएचओ विनय तिवारी की शिकायत रिपोर्ट भेजी थी. उसमें एक स्पेशल रिपोर्ट भी भेजकर विनय तिवारी को हटाने की सिफारिश की गई थी, लेकिन उच्च अधिकारियों ने इसको अनदेखा कर दिया.
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सूत्रों के मुताबिक, उच्च अधिकारियों की ओर से कार्यवाही और जांच ना करने की वजह से एसएचओ विनय तिवारी मनमानी करता रहा. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा द्वारा शिकायत की भेजी आठ जांच रिपोर्ट और एक स्पेशल रिपोर्ट के बावजूद भी कार्यवाही क्यों नहीं की गई?
हालांकि, शूटआउट में एसएचओ विनय तिवारी की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही चौबपुर के दो दारोगा और एक सिपाही को भी सस्पेंड किया गया है. इन तीनों पुलिसकर्मियों पर विकास दुबे के संपर्क में होने का आरोप लगा है.