
आप मोहल्ले या सड़क पर लगे किसी काउंटर से सिमकार्ड खरीद रहे हैं तो सावधान. आपके आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल आपको ही चूना लगाने में किया जा सकता है.
मोबाइल पर आधार कार्ड नंबर और अकाउंट नंबर जानकर बैंक खाते से पैसा उड़ाने का हथकंडा पुराना हो गया है. कानपुर में एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जो नया सिम बेचने के बहाने लोगों का आधार कार्ड नंबर और फिंगर प्रिंट लेकर उनकी रकम पर डाका डाल रहा था.
गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर उनसे 22 मोबाइल और 1500 सिमकार्ड जब्त किए गए हैं. बीते एक साल में इस गिरोह ने तीन हजार से ज्यादा लोगों को शिकार बनाया.
कानपुर पुलिस ने गुरुवार को मंसार खान और नफीस आलम को गिरफ्तार कर इस गिरोह की कारगुजारियों का खुलासा किया. एसएसपी अखिलेश कुमार के मुताबिक मंसार खान ने वोडाफोन की एजेंसी ले रखी थी. इसी की आड़ में मंसार और नफीस अलग अलग मोहल्लों में जाकर सिमकार्ड बेचने के काउंटर लगाते थे.
लोगों को सिम देने के बहाने उनका आधार नंबर और फिंगर प्रिंट लेकर ले लेते थे. फिर उसी जानकारी के सहारे ये दूसरा सिम लेते थे. साथ ही सिम वाले का अकाउंट पता कर इन्हीं कागजात के जरिए उस अकाउंट का पेटीएम बनवा लेते थे. फिर उस पेटीएम अकाउंट से अलग अलग शहरों में खरीदारी कर मोटी रकम बना रहे थे.
पुलिस के मुताबिक इस गिरोह ने एक साल के अंदर 3000 लोगों को सिम बेचे. पुलिस के हत्थे अभी मंसार और नफीस ही चढ़े हैं, गिरोह के बाकी आधा दर्जन सदस्य अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. मंसार और नफीस के पास से 1500 सिम कार्ड जब्त हुए हैं. दोनों के मुताबिक वो 1500 से ज्यादा सिम कार्ड नष्ट कर चुके हैं.