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Karnataka Election Result: क्या हो सकती हैं 5 सूरत और उनका असर

कर्नाटक का नतीजा कुछ भी आए लेकिन उसकी गूंज देशभर की राजनीति में अगले साल लोकसभा चुनाव तक सुनाई देती रहेगी. कर्नाटक में मंगलवार यानी 15 मई को होने वाली मतगणना के नतीजे आने पर क्या-क्या संभावित स्थिति हो सकती है और हर स्थिति का केंद्रीय राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है आइए जानते हैं. 

नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी
परमीता शर्मा/खुशदीप सहगल/राहुल कंवल
  • बेंगलुरु,
  • 14 मई 2018,
  • अपडेटेड 7:16 AM IST

कर्नाटक के नतीजों का हर कोई दम साधकर इंतजार कर रहा है. कुछ ही घंटों बाद मतगणना से साफ हो जाएगा कि कर्नाटक के किले पर कांग्रेस का कब्जा ही बरकरार रहता है या 5 साल बाद फिर बीजेपी की इस दक्षिणी राज्य की सत्ता में धमक के साथ वापसी होती है. और अगर दोनों पार्टियों में से कोई भी बहुमत के जादुई आंकड़े के नजदीक नहीं पहुंचती और त्रिशंकु विधानसभा आती है तो फिर देवगौड़ा-कुमारस्वामी के तौर पर पिता-पुत्र की जोड़ी के पास कर्नाटक की सत्ता का रिमोट कंट्रोल आना तय है.

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बहरहाल, कर्नाटक का नतीजा कुछ भी आए लेकिन उसकी गूंज देशभर की राजनीति में अगले साल लोकसभा चुनाव तक सुनाई देती रहेगी. कर्नाटक में मंगलवार यानी 15 मई को होने वाली मतगणना के नतीजे आने पर क्या-क्या संभावित स्थिति हो सकती है और हर स्थिति का केंद्रीय राजनीति पर क्या असर पड़ सकता है आइए जानते हैं.  

स्थिति नंबर 1:  कांग्रेस को पूर्ण बहुमत

संभावना :  3/5

असर:

- अगर कर्नाटक में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलता है तो ये ‘ग्रैंड ओल्ड पार्टी’ के लिए संजीवनी बूटी हाथ लगने से कम नहीं होगा. कांग्रेस कर्नाटक के किले को अपने पास लगातार दूसरी बार बरकरार रखती है तो इससे देशभर में पार्टी कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ेगा. इसका सीधा मतलब होगा इस साल के आखिर में मध्य प्रदेश और राजस्थान में होने वाले चुनाव में बीजेपी का सिरदर्द बढ़ेगा.

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- कर्नाटक में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने पर सिद्धारमैया की ना सिर्फ कर्नाटक बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी धाक बढ़ेगी. ऐसी स्थिति में उनका कद राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस में तीसरे सबसे बड़े नेता के तौर पर उभरेगा.

- कर्नाटक में कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो ये राहुल गांधी के पार्टी नेतृत्व पर भी एक तरह से मुहर लगने के समान होगा. राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला विधानसभा चुनाव है और उसमें शानदार जीत मिलती है तो उनके लीडरशिप कौशल को विरोधी भी राष्ट्रीय स्तर पर नजरअंदाज नहीं कर सकेंगे.

स्थिति 2: कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी लेकिन बहुमत से दूर

संभावना : 4/5

असर:

- कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरती है लेकिन बहुमत से दूर रहती है तो सिद्धारमैया के दोबारा मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं को करारा झटका लगेगा. JDS राज्य में सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार नहीं होगा.

- कांग्रेस मुख्यमंत्री के लिए दूसरे चेहरे की तलाश करेगी.

- दलित चेहरे को कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावना बढ़ेगी. ऐसी स्थिति में लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे या कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जी परमेश्वर का भाग्य जाग सकता है.

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- ऐसी स्थिति में भी ये तय है कि JDS भारी सौदेबाजी के बाद ही कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तैयार होगा.

स्थिति नंबर 3 :  BJP सबसे बड़ी पार्टी लेकिन बहुमत से दूर

संभावना :  2/5

असर:

- ऐसी स्थिति आती है तो इसके मायने ये होंगे कि मोदी-शाह की रणनीति कर्नाटक के लिए कारगर साबित हुई.

- ये स्थिति कांग्रेस के लिए झटके से कम नहीं होगी और सबसे अच्छा मौका उसके हाथ से निकल जाएगा.

- JDS पूरा फायदा निचोड़ने के बाद BJP के साथ गठबंधन को तैयार होगा.

- कुमारस्वामी कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं.

स्थिति नंबर 4 : कांग्रेस और BJP में फोटो फिनिश

संभावना: 3/5

असर:

- कांग्रेस और BJP में फोटो फिनिश या टाई जैसी स्थिति बनती है तो कांग्रेस की तुलना में BJP के पास सरकार बनाने का ज्यादा अच्छा मौका रहेगा.

- कांग्रेस की ओर से कोशिश रहेगी कि JDS में टूट हो.

- विधायकों की खरीद फरोख्त के आसार बनेंगे. ऐसी स्थिति में रिसॉर्ट पॉलिटिक्स पूरे रंग में दिखाई दे सकती है.

- JDS का ऐसी सूरत में किंगमेकर बनना तय होगा.

स्थिति नंबर 5:  BJP को पूर्ण बहुमत

संभावना :  1/5

असर:

- ये स्थिति नरेंद्र मोदी-अमित शाह की जोड़ी के रणनीतिक कौशल को साबित करेगी. साथ ही संदेश जाएगा कि इस जोड़ी के विजय रथ को रोक पाना किसी के लिए भी आसान नहीं है.  

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- राष्ट्रीय परिदृश्य में कांग्रेस के लिए ये बहुत नुकसानदेह होगा. केंद्रीय राजनीति में ग्रैंड ओल्ड पॉर्टी और हाशिए पर सिमट जाएगी.

- ये स्थिति राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर बड़ा सवालिया निशान लगाएगी.

- मध्य प्रदेश और राजस्थान के लिए BJP की राह आसान होगी. पार्टी कैडर दोगुने जोश के साथ इन राज्यों के लिए होने वाले विधानसभा चुनाव में उतरेगा.

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