
कर्नाटक में तीन दिन तक चले सियासी संग्राम के बाद आखिर में येदियुरप्पा ने बहुमत परीक्षण से पहले विधानसभा के भीतर अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. बीजेपी विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा जुटाते नहीं दिख रही थी ऐसे में येदियुरप्पा ने फ्लोर टेस्ट में फेल होकर अपनी किरकिरी कराने से इस्तीफा देना ही बेहतर समझा. लेकिन अब गेंद दूसरे पाले में पहुंच गई है.
कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की ओर से सीएम पद के उम्मीदवार कुमारस्वामी को राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दे दिया है. कुमारस्वामी अब सोमवार को 12 से एक बजे के बीच मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं. हालांकि देखना दिलचस्प होगा कि राज्यपाल कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को बहुमत परीक्षण के लिए कितना वक्त देते हैं.
राज्यपाल की ओर से येदियुरप्पा सरकार को बहुमत सिद्ध करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया गया था जबकि येदियुरप्पा खुद 7 दिन में बहुमत सिद्ध करने का दावा करते रहे थे. हालांकि कांग्रेस-जेडीएस की याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट की मियाद को कम करके 24 घंटे कर दिया गया था. इसके फैसले के मुताबिक ही शनिवार को शाम 4 बजे फ्लोर टेस्ट होना निर्धारित था.
कुमारस्वामी बनेंगे सीएम!
येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद जेडीएस प्रमुख कुमारस्वामी को राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने के न्योते का इंतजार है. कांग्रेस ने चुनाव नतीजों में पिछड़ जाने के बाद तीसरे नंबर की पार्टी जेडीएस को बिना शर्त के समर्थन देने का ऐलान कर दिया था और कुमारस्वामी को मुख्यमंत्री बनाने पर भी सहमति बन गई थी.
अब परीक्षा का वक्त जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन के लिए भी है. सरकार बनाने के न्योते बाद गठबंधन को भी फ्लोर टेस्ट से गुजरना होगा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कुमारस्वामी जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हो सकते हैं क्योंकि उन्हें डर है कि बीजेपी उनके खेमे में सेंध न लगा दे. हाल के घटनाक्रम में अगर बहुमत साबित करने में बीजेपी विफल रही है तो जाहिर तौर पर जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन को इस टेस्ट में पास होने में मुश्किल आने की संभावना कम ही है.
क्या रहे थे नतीजे
कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 222 सीटों पर आए नतीजों में बीजेपी को 104 सीटें मिली, और यह संख्या बहुमत से 7 कम है. दूसरी ओर, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं. कुमारस्वामी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है, इसलिए बहुमत के लिए 111 विधायक चाहिए थे.