
कर्नाटक कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार की न्यायिक हिरासत मंगलवार को समाप्त हो रही थी. प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया, जहां कोर्ट ने शिवकुमार को 25 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया. शिवकुमार मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपी हैं.
शिवकुमार की पेशी के दौरान ईडी के वकील अमित महाजन ने कोर्ट को बताया कि डीके शिवकुमार की नियमित जमानत याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में पेंडिंग है. डीके शिवकुमार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि तिहाड़ जेल प्रशासन उनके साथ असमानता का व्यवहार कर रहा है. अन्य कैदियों को कुर्सी दी जाती है, लेकिन कमर में तेज दर्द के बावजूद शिवकुमार को कुर्सी नहीं दी जाती.
कोर्ट ने दी परिजनों से मिलने की इजाजत
शिवकुमार की गुजारिश पर कोर्ट ने परिजनों से लॉकअप में मिलने की इजाजत दे दी. गौरतलब है कि डीके शिवकुमार की जमानत निचली अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है. इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया, जहां उनकी याचिका पर सुनवाई होनी है. अगर दिल्ली हाई कोर्ट से भी शिवकुमार को जमानत नहीं मिलती है तो उन्हें 25 अक्टूबर को फिर से राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया जाएगा.
कैसे पड़े मुश्किल में?
डीके शिवकुमार की मुश्किलें 2017 में उस वक्त बढ़नी शुरू हो गई थीं, जब उनके 60 ठिकानों पर इनकम टैक्स (आईटी) की टीम ने रेड की थी. डीके शिवकुमार के ठिकानों पर इस छापेमारी में आईटी को करीब 11 करोड़ रुपये कैश मिले थे और करोड़ों की संपत्ति के बारे में पता चला था. इसके बाद ईडी ने डीके शिवकुमार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा भी दर्ज कर लिया था. ईडी ने चार सितंबर को उन्हें गिरफ्तार किया था.