Advertisement

कर्नाटक: फिर चूके शाह, बसवेश्वर भगवान को माला पहनाने में बाजी मार गए येदियुरप्पा

बंगलुरु में भगवान बसवेश्वर की मूर्ति जहां शाह माला चढ़ाने पहुंचे वह काफी ऊंची थी. अमित शाह और बीएस येदियुरप्पा को क्रेन के जरिए मूर्ति के पास तक पहुंचाया गया.

और माला पहनाने में चूक गए शाह और माला पहनाने में चूक गए शाह
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 3:18 PM IST

कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीख नज़दीक आती जा रही है. इसी बीच आज लिंगायत समुदाय के दार्शनिक बसवेश्वर भगवान की जयंती है. इस मौके पर नेता वोटरों को साधने में जुटे हैं. बुधवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह कर्नाटक में थे और बसवेश्वर भगवान की मूर्ति पर माल्यार्पण किया. लेकिन इस दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसकी शाह ने उम्मीद नहीं की थी.

Advertisement

दरअसल, बंगलुरु में भगवान बसवेश्वर की मूर्ति जहां शाह माला चढ़ाने पहुंचे वह काफी ऊंची थी. अमित शाह और बीएस येदियुरप्पा को क्रेन के जरिए मूर्ति के पास तक पहुंचाया गया. लेकिन शाह ने जब माला डाली तो माला मूर्ति पर नहीं पहुंच पाई. पर इससे उलट जब येदियुरप्पा ने माला पहनाई तो ठीक तरह से मूर्ति के गले में पहुंची. इस पर अमित शाह मुस्करा भी दिए.

वहीं इस दौरान जब शाह को क्रेन से ऊपर ले जाया जा रहा था, तो कभी क्रेन मूर्ति से ऊपर चली गई तो कभी दाएं और बाएं. काफी देर बाद ही क्रेन मूर्ति के बराबर आ पाई. और उसके बाद ही अमित शाह मूर्ति में माला पहना पाए.

गौरतलब है कि इससे पहले भी अमित शाह के साथ चुनाव प्रचार के दौरान कई तरह की चूक हो चुकी है. फिर चाहे वो येदियुरप्पा सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताना हो या फिर उनके ट्रांसलेटर द्वारा गलत उच्चारण कर देना हो. दरअसल, ट्रांसलेटर ने कहा था कि, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब, दलित और पिछड़ों के लिए कुछ भी नहीं करेंगे. वो देश को बर्बाद कर देंगे. आप उन्हें वोट दीजिये."

Advertisement

आपको बता दें कि ब्रिटेन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बसवेश्वर भगवान को श्रद्धांजलि देंगे. लंदन की टेम्स नदी के पास लिंगायत समुदाय के समाज सुधारक बासवन्ना (उन्हें भगवान बसवेशेश्वर भी कहा जाता है) की मूर्ति पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. ये कार्यक्रम द बसवेशेश्वर फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है.

दरअसल कर्नाटक में लिंगायत समुदाय का 17 फीसदी वोट है. बीजेपी का मूल वोटबैंक माना जाता रहा है. लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अपने पाले में लाने के लिए उनकी सालों पुरानी अलग धर्म की मांग को मानकर बीजेपी को बैकफुट पर कर दिया था. पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इसकी भरपाई करने की कोशिशों में लगे हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement