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राजस्थान के CM बनने का रास्ता हुआ साफ? पढ़ें सचिन पायलट का जवाब

सचिन पायलट ने कहा कि बीते चार साल में पार्टी और मैं आगे इसलिए बढ़े हैं क्योंकि हम सभी साथ मिलकर चुनाव लड़ते आए हैं. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत और सीपी जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ से ही मुझे ताकत मिली है और भविष्य में जब हम चुनाव लड़ेगे तब साथ मिलकर ही लड़ेंगे.

कर्नाटक पंचायत में सचिन पायलट कर्नाटक पंचायत में सचिन पायलट
अनुग्रह मिश्र
  • बंगलुरु,
  • 31 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

इंडिया टुडे की कर्नाटक पंचायत के दूसरे सत्र में कांग्रेस सांसद सचिन पायलट और केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने शिरकत की. इस सत्र में देश के विभिन्न मुद्दों पर दोनों युवा नेताओं के बीच तीखी बहस देखने को मिली. राजस्थान में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा बनने के सवाल पर सचिन ने पड़ी चालाकी से अपना जवाब भी दिया.  

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सचिन ने सवाल किया गया कि अब राजस्थान में कांग्रेस के सबसे बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को संगठन महासचिव बनाकर दिल्ली भेज दिया गया है. ऐसे में क्या अब वह सीएम उम्मीदवार होंगे. इस पर पायलट ने कहा कि ऐसा नहीं है, हम सभी मिलकर चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

सचिन पायलट ने कहा कि बीते चार साल में पार्टी और मैं आगे इसलिए बढ़े हैं, क्योंकि हम सभी साथ मिलकर चुनाव लड़ते आए हैं. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत और सीपी जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ से ही मुझे ताकत मिली है और भविष्य में जब हम चुनाव लड़ेंगे तब साथ मिलकर ही लड़ेंगे. जनता के फैसले के बाद किसी क्या पद मिलेगा, नहीं मिलेगा उसकी फिक्र अभी नहीं है.

कांग्रेस में बदलाव कितना कामयाब?

कांग्रेस ने संगठन में फेरबदल किया है इसका क्या मतलब है? इस सवाल के जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी अपने गठबंधन के लोगों को साथ नहीं रख पा रही है. वहीं कांग्रेस ने सभी को साथ लेकर चलने का काम किया है. कांग्रेस अब कर्नाटक में जनता की कसौटी पर खरा उतरने की तैयारी में है. हालांकि बाबुल सुप्रियो ने दावा किया कि कांग्रेस झूठ बोल रही है. कर्नाटक में जमीनी हालात अलग हैं. चुनावों के नतीजे सच्चाई को सामने लेकर आएंगे.

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गहलोत को अहम जिम्मेदारी

राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी ने अशोक गहलोत अब जनार्दन द्विवेदी की जगह संगठन महासचिव बनाया है. राजस्थान के 2 बार मुख्यमंत्री रहे गहलोत का देश की सबसे पुरानी पार्टी में रुतबा बढ़ाए जाने के पीछे दिसंबर में गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन को माना जा रहा है, क्योंकि चुनाव के वक्त वह पार्टी के गुजरात प्रभारी थे.

अशोक गहलोत 1998 से 2003 और फिर 2008 से 2013 तक राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस ने गहलोत से गुजरात के प्रभारी की जिम्मेदारी वापस ले ली थी और उनकी जगह शुक्रवार को ही राजीव सातव को गुजरात का प्रभारी बनाया गया.

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