
कर्नाटक ने विरोध के बीच उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए तमिलनाडु को कावेरी का पानी देना शुरू कर दिया है. उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक से 10 दिनों तक के लिए रोजाना पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को 15,000 क्यूसेक प्रतिदिन देने का निर्देश दिया था.
राज्य जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा, 'कनार्टक ने माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए तमिलनाडु को कावेरी का पानी देना शुरू कर दिया है.' उच्चतम न्यायालय ने कर्नाटक से 10 दिनों तक प्रतिदिन 15,000 क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने का निर्देश दिया था. उन्होंने बताया कि राज्य ने कल आधी रात से तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ना शुरू कर दिया.
इसी बीच, प्रदर्शनकारियों ने मांड्या और राज्य के अन्य हिस्सों में अपना आंदोलन तेज कर दिया है. प्रदर्शनकारियों ने अनेक सड़के बंद कर दी हैं और स्कूल और कॉलेजों को जबर्दस्ती बंद कराने का प्रयास कर रहे हैं. उच्चतम न्यायालय के निर्देशों की अनुपालन के लिए राज्य सरकार ने कल 'गंभीर कठिनाइयों' के बावजूद तमिलनाडु के लिए पानी छोड़ने का निर्णय किया. न्यायालय ने अपने आदेश में बेंगलुर-मैसूरू राजमार्ग बंद करने वाले कन्नड़ समर्थक आंदोलनकारी किसानों और समाजसेवी संगठनों पर तत्काल कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने की सड़कें बंद
कावेरी राजनीति के केन्द्र मांड्या जिले में प्रदर्शनकारियों ने कल सड़कें बंद कर दी थीं और अनेक स्थानों पर धरना प्रदर्शन भी किया था. इसके बाद सरकार ने कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए सैकड़ों सुरक्षाकर्मियों समेत केन्द्रीय बलों की तैनाती कर दी है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को तीन-चार घंटे तक चली सर्वदलीय बैठक के बाद पत्रकारों से कहा था, 'अनेक कठिनाइयों के बावजूद सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार पानी छोड़ना शुरू कर देगी.'