
सीमा पर तनाव और कश्मीर में बिगड़े हालात के बीच हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े ने बुधवार को केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया कि वह कश्मीर मुद्दे का स्थाई हल निकालने के लिए सार्थक वार्ता शुरू करे. हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाले विभिन्न अलगाववादी समूहों के संयुक्त संगठन ने मौजूदा हालात और आगे की रणनीति तय करने के लिए यहां एक बैठक की.
बैठक में कहा गया कि वक्त आ गया है जब भारत सरकार और उसके गठबंधन सहयोगियों को कश्मीर के विस्फोटक हालात को ध्यान में रखना होगा और लोगों के अधिकारपूर्ण संघर्ष को दबाने के लिए ताकत का प्रयोग करने की जगह वार्ता के जरिए सामाधान खोजने का तरीका खोजना होगा.
हुर्रियत की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि भारत सरकार के नाकारात्मक और अड़ियल रवैये में क्षेत्र को विध्वंसक युद्ध की ओर धकेलने की क्षमता है, क्योंकि कश्मीर का माहौल बहुत नाजुक स्थिति में पहुंच चुका है और इसके सामाधान को अब टाला नहीं जा सकता. अलगाववादियों के इस संगठन ने कहा कि कश्मीर की जनता की इच्छाओं और आकांक्षाओं के आधार पर कश्मीर मुद्दे को सुलझाना महत्वपूर्ण है ताकि पूरे उप-महाद्वीप के लोगों का भविष्य सुरक्षित किया जा सके.
बयान में कहा गया कि सिर्फ बातचीत करने के लिए वार्ता करना, कश्मीर मुद्दे को सुलझाने में मददगार नहीं हो सकता है. इस मुद्दे को सिर्फ तीनों पक्षों, भारत, पाकिस्तान और कश्मीरियों के बीच एक सार्थक वार्ता की प्रक्रिया में शामिल करके ही सुलझाया जा सकता है. साथ ही दक्षिण एशियाई क्षेत्र में राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता कश्मीर के समाधान से जुड़ा मुद्दा है.