
नौहटा में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी मोहम्मद अयूब पंडित की हत्या और उससे पहले सेना की लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या से कश्मीर घाटी में नए संकेत मिल रहे हैं. उच्च खुफिया सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में कश्मीर घाटी में आम लोगों में आतंकियों के खिलाफ गुस्सा फूट सकता है.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक हिजबुल और लश्कर के स्थानीय आतंकियों की मूवमेंट और इंटरसेप्ट से मिली जानकारी के मुताबिक जब आतंकी अपने परिवार से मिलने जाता है उस दौरान परिवार की महिलाएं मुखर होकर अपने लड़कों से सवाल पूछ रही हैं कि क्या अब वे अपनी बन्दूक से अपनों का ही खून बहाएंगे.
रिपोर्ट के मुताबिक कश्मीर घाटी में असली इस्लाम और आज़ादी की जंग को लेकर आतंकियों और उनके मददगारों में बहस छिड़ गई है. जिसकी वजह से आतंकी संगठनों में आपस में खूनी जंग शुरू हो गयी है. इसी का नतीजा है कि जाकिर मूसा ने हाल में आतंकी सब्ज़ार और दूसरे कई आतंकियों की मुखबरी करके सुरक्षाबलों के हाथों मरवाने का दावा किया.
इन सब के बीच सेना और सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिल रही है कि आतंकियों की आपसी जंग और जम्मू कश्मीर पुलिस को निशाना बनाने की घटनाओं को लेकर घाटी में गुस्से का गुबार फूट सकता है.
सुरक्षा बलों को सचेत रहने की सलाह
इस बीच सुरक्षा बलों ने जम्मू कश्मीर पुलिस को आतंकियों के संभावित हमलों से सचेत रहने के लिए कहा है. इसके साथ ही घाटी में मारे जा रहे आतंकियों के जनाजे में आतंकियों के शामिल होने खुलेआम हथियार लहराने और फायरिंग करने पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है. आपको बता दें कि पिछले 6 महीनों में अब तक 80 से ज्यादा आतंकी मारे जा चुके हैं, जिससे विदेश में बैठे आतंकी आका घबराए हुए हैं.
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले दिनों में आतंकी मरण बौखलाहट की वजह से हिंसा की घटनाओं में इजाफा हो सकता है. रमजान के खत्म होने के बाद आतंकी बड़े स्तर पर बुरहान वानी के शहादत दिवस (8 जुलाई) को मनाने की तैयारी में हैं. ऐसे हालात से निपटने के लिए सेना और सुरक्षा बलों ने भी काफी तैयारी की है. कश्मीर घाटी में सेना ने पांच बटालियन यानी पांच हजार सैनिकों की नई तैनाती की है. अब सेना नेशनल हाइवे के साथ ही फिलहाल अंदर के इलाकों में पहुंच गई है. जिसके बाद कश्मीर घाटी में छिपे आतंकियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन में तेजी आ गई है.