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केदारनाथ और यमुनोत्री धाम के कपाट शनिवार, 21 अक्टूबर 2017 को व्यापक पारंपरिक अनुष्ठान के बाद सर्दियों के लिए बंद कर दिये गये. गंगोत्री धर्मस्थल के कपाट शुक्रवार, 20 अक्टूबर को बंद हुए थे. चार धाम तीर्थाटन में एकमात्र बद्रीनाथ के कपाट अभी खुले हैं और 19 नवंबर को बंद होंगे.
शुद्धिकरण के बाद बंद किए गए कपाट
श्री बद्रीनाथ- श्री केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी सिंह ने बताया कि समिति के अधिकारियों और रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिलडियाल की उपस्थिति में केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में समाधि पूजन और शुद्धिकरण के उपरांत प्रात: आठ बजकर 20 मिनट पर मंदिर के कपाट बंद कर दिये गये.
अब ओंकारेश्वर मंदिर में होगी बाबा की पूजा
उन्होंने बताया कि समाधि पूजन और शुद्धिकरण अनुष्ठान करीब दो घंटे तक चला और उसमें 2000 से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे. उसके बाद भगवान शिव की फूलों से सजी उत्सव डोली उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर के लिए रवाना हुई, जहां सर्दियों के दौरान उसकी पूजा की जाएगी. यह डोली वहां 23 अक्टूबर को पहुंचेगी. इस बार इस सीजन में केदारनाथ धाम में कुल 4,71,235 श्रद्धालु पहुंचे, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने हैं.
पीएम ने लगाई बाबा के दरबार में हाजिरी
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में पूजा अर्चना की थी और पांच पुनर्निर्माण परियोजनाओं की आधारशिला रखी. इन प्रोजेक्ट्स में बाढ़ सुरक्षा का काम और केदारपुरी का पुनर्निर्माण शामिल है.
छह महीने के लिए बंद होते हैं कपाट
उधर, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी आशीष चौहान ने बताया कि उत्तराखंड में अन्य धर्मस्थल यमुनोत्री के मंदिर के कपाट भी शनिवार एक बजकर 27 मिनट पर बंद हो गये. तत्पश्चात देवी यमुना डोली में अपनी शीतकालीन स्थली खरसाली के लिए रवाना हुईं. चार धाम तीर्थाटन के मंदिर हर साल छह महीने के लिए बंद कर दिये जाते हैं क्योंकि सर्दियों में यह इलाका पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है.