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ओला-उबर जैसी कंपनियों की मनमानी होगी बंद, केजरीवाल सरकार लाई नई पॉलिसी

परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने 'आज तक' से कहा कि हाई कोर्ट ने भी कहा है कि एक हद से ज्यादा किराया नहीं ले सकते. साथ ही स्कीम बनाने के लिए भी हाई कोर्ट ने कहा है. दिल्ली सरकार स्कीम बना चुकी है और जल्द ही उपराज्यपाल से अनुमति मिलते ही लागू किया जाएगा.

मनमाने किराए पर लगेगी रोक मनमाने किराए पर लगेगी रोक
लव रघुवंशी/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 11 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST

केजरीवाल सरकार ने मोबाइल एप आधारित टैक्सी सर्विस की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए पॉलिसी तैयार कर ली है. दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने 'आज तक' से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताया कि नई पॉलिसी के मुताबिक ओला और उबर जैसी कंपनियों को जीपीएस की बजाय, मीटर लगाना अनिवार्य होगा

परिवहन मंत्री सत्येंद्र जैन ने 'आज तक' से कहा कि हाई कोर्ट ने भी कहा है कि एक हद से ज्यादा किराया नहीं ले सकते. साथ ही स्कीम बनाने के लिए भी हाई कोर्ट ने कहा है. दिल्ली सरकार स्कीम बना चुकी है और जल्द ही उपराज्यपाल से अनुमति मिलते ही लागू किया जाएगा.

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केजरीवाल सरकार की नई पॉलिसी के मुताबिक-

1. जीपीएस से किराया वसूलने वाली कंपनियों को मीटर लगवाना अनिवार्य होगा.

2. शर्तों के साथ छिपे हुए किराए पर पूरी तरह पाबंदी.

3. बेवजह किराया बढ़ाने वाले सर्ज प्राइज के इस्तेमाल पर रोक.

4. राइड देने के पहले उपभोक्ता को किराए की जानकारी देना जरूरी.

सत्येंद्र जैन ने बताया कि पॉलिसी में साफ लिखा है की मीटर लगाना जरूरी है, मानक किराए से ज्यादा रुपये नहीं ले सकते हैं. टर्म और कंडीशन है और काफी डिटेल में बनाया गया है. पॉलिसी को लेकर जितनी भी कंपनी हैं और स्टेक होल्डर हैं उनसे बैठक होगी. पूरी पॉलिसी के अंदर लिखा गया है कि सफर से पहले किराया लोगों को पता होना चाहिए. छिपे हुए चार्ज नहीं होना चाहिए. सर्ज प्राइज नहीं होने चाहिए.

उपराज्यपाल पर बरसे मंत्री
हालांकि बातचीत के दौरान सत्येंद्र जैन उपरज्यपाल नजीब जंग पर तंज कसना नहीं भूले. सत्येंद्र जैन ने पॉलिसी की फाइल को अनुमति के लिए उपराज्यपाल को भेजने वाले सवाल पर कहा कि उपराज्यपाल साहब के पास पहुंच जाएगा तो हो जाएगा? उनके पास इतना समय कहां है. उपराज्यपाल को बस लेन की फाइल भेजी हुई है. उन्होंने 2 महीने पहले हमें अप्रूवल दी थी कि कंसल्ट करके नोटिफाई किया जाए, लेकिन जब हम नोटिफाई करने लगे तो उपराज्यपाल ने फाइल वापिस मांग ली, पिछले 15 दिन से उनके पास फाइल अटकी है.

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