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दिल्ली के लोगों को राहत, ऑटो-टैक्सी यूनियन की हड़ताल हुई खत्म

दिल्ली में ऑटो टैक्सी यूनियन की हड़ताल आखिरकार गुरुवार रात खत्म हो गई. दिल्ली सरकार में परिवहन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद ऑटो टैक्सी यूनियन हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है.

मांगे पूरी होने के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म मांगे पूरी होने के आश्वासन के बाद हड़ताल खत्म
प्रियंका झा/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST

दिल्ली में ऑटो टैक्सी यूनियन की हड़ताल आखिरकार गुरुवार रात खत्म हो गई. दिल्ली सरकार में परिवहन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद ऑटो टैक्सी यूनियन हड़ताल खत्म करने का ऐलान किया है. ऑटो टैक्सी यूनियन की ज्वाइंट एक्शन कमिटी बुधवार सुबह से ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर भूख हड़ताल पर बैठी हुई थी.

ऑटो टैक्सी यूनियन का कहना है कि परिवहन विभाग के अधिकारियों से मुलाकात के दौरान कमिटी ने अपनी बात रखी, जिसके बाद सरकार ने हमारी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. ऑटो और टैक्सी यूनियन की मुख्य मांगें थी:-

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1. मोबाइल एप आधारित टैक्सी सेवा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगे.

2. नई टैक्सी के परमिट जारी करने पर रोक लगे.

3. 15 साल पुरानी काली पीली टैक्सीयों की रिप्लेसमेंट ऑटो की तरह शुरू की जाये.

4. ऑटो रिक्शा और टैक्सी के परमिट ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल बनाया जाये.

5. तीन महीने के लिए लाइसेंस सस्पेंड करने की प्रक्रिया पर रोक लगे.

दिल्ली सरकार ने बताया कि 'एनसीआर से आने वाले ऑटो और टैक्सी वाले वापसी में दिल्ली से बाहर सवारियां नहीं ले जाएंगे. ऐसा करने वाले ऑटो-टैक्सी वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी'. दिल्ली सरकार ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए ऑटो टैक्सी यूनियन को कुछ इस तरह आश्वासन दिया है:-

1. सरकार के मुताबिक दूसरे राज्यों से रजिस्टर्ड गाड़ियां अगर दिल्ली में ऑटो या टैक्सी के रूप में चलती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस कार्रवाई में चालान और गाड़ियों को जब्त करना दोनों शामिल है.'

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2. इसके अलावा ‘डीएल 1 आरटी’ की गाड़ियां अपने मीटर से ही चलेंगी। ‘डीएल 1 आरटी’ के ड्राइवरों को लाइसेंस और बैच रखना अनिवार्य होगा.

3. साथ ही लाइट मोटर वीकल (एलएमवी) लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए क्लास लेने की अनिवार्यता भी खत्म कर दी गई है.

4. मोबाइल एप बेस गाड़ी पे पॉलिसी निर्धारित की जाएगी.

5. लाइसेंस रिन्युवल के लिए क्लास की अनिवार्यता बंद कर दी गई है.

6. ई रिक्शा अपने निश्चित मार्गों पर ही संचालित किए जाएंगे.

हालांकि गुरुवार से पहले परिवहन मंत्री ने बयान दिया था कि 'मोबाइल एप आधारित ओला और उबर पर आखिरी फैसला केंद्र सरकार ही कर सकती है.' जबकि ऑटो और टैक्सी यूनियन ने गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने भी अपनी मांगे रखी थी. आपको बता दें कि देश की राजधानी में 80 हजार से ज्यादा ऑटो रिक्शा और 15 हजार से ज्यादा काली पीली टैक्सी की संख्या है. ऑटो-टैक्सी यूनियन की हड़ताल का सबसे ज्यादा असर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन पर पड़ा था.

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