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केन्या सरकार समलैंगिकता के खिलाफ

केन्या के उपराष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा है कि उनकी सरकार समलैंगिक संबंधों को स्वीकृति नहीं देगी क्योंकि यह ईसाई धर्म और मानव स्वभाव के खिलाफ है. यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से सामने आई है.

केन्या के उपराष्ट्रपति विलियम रुटो केन्या के उपराष्ट्रपति विलियम रुटो
aajtak.in
  • नैरोबी,
  • 04 मई 2015,
  • अपडेटेड 2:12 PM IST

केन्या के उपराष्ट्रपति विलियम रुटो ने कहा है कि उनकी सरकार समलैंगिक संबंधों को स्वीकृति नहीं देगी क्योंकि यह ईसाई धर्म और मानव स्वभाव के खिलाफ है. यह जानकारी सोमवार को मीडिया रिपोर्ट से सामने आई है. रूटो ने रविवार को नैरोबी में एक चर्च सेवा के दौरान कहा, 'हम अपनी श्रद्धा और विश्वास के बचाव में अपने धार्मिक गुरुओं के साथ खड़े रहेंगे.'

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रपट के मुताबिक, रुटो ने केन्याई समाज में समलैंगिक संबंधों का विरोध करने वाले धार्मिक संगठनों को सरकार की तरफ से पूरा सहयोग दिए जाने का आश्वासन भी दिया.

हालांकि पिछले सप्ताह अदालत ने अटार्नी जनरल और नेशनल काउंसिल ऑफ एनजीओ को एक समलैंगिक संगठन, राष्ट्रीय समलैंगिक मनावाधिकार आयोग (एमजीएलएचआरसी) को पंजीकृत करने का आदेश दिया था और कहा था कि संविधान समलैंगिकों के अधिकारों को सुरक्षा देता है.

समलैंगिक संबंध 35 अफ्रीकी देशों में गैरकानूनी है. रुटो ने कहा, 'इस देश में समलैंगिकता के लिए कोई जगह नहीं हैं, मैं आपको इसका आश्वासन दे सकता हूं. यह हम वोट पाने के लिए नहीं बल्कि जिसे हम गलत मानते हैं उस काम से बचने के लिए कर रहे हैं.'

इनपुट: IANS

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