
पूजा घरों के दरवाजे महिलाओं के लिए खुलवाने को लेकर कई समाजसेवी संगठन जूझ रहे हैं. लेकिन कांग्रेस नेता एम.एम हसन को लगता है कि माहवारी के दौरान महिलाओं को मंदिर, मस्जिद या गिरिजाघरों के भीतर नहीं जाना चाहिए.
'पीरियड्स में अपवित्र होती हैं महिलाएं'
केरल के त्रिवेंद्रम में एक कार्यक्रम के दौरान हसन ने कहा, 'पीरियड्स अपवित्र होते हैं इसलिए इस दौरान महिलाओं को मंदिर, मस्जिद या चर्च में प्रवेश नहीं करना चाहिए.' उन्होंने दावा किया कि इस दलील के पीछे वैज्ञानिक वजहें हैं. हालांकि इस वजहों पर हसन कुछ नहीं बोले.
'मुस्लिम महिलाएं करती हैं परहेज'
हसन यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि माहवारी के दिनों में मुस्लिम महिलाएं भी रोजा नहीं रखती हैं. उनके मुताबिक 'जब महिलाओं का शरीर अपवित्र हो तो उन्हें इबादतगाहों में घुसने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए.' छात्र संगठनों ने इस बयान की तीखी आलोचना की है. लेकिन हसन अपने बयान पर अब तक कायम हैं.
कौन हैं एम एम हसन?
एम एम हसन केरल कांग्रेस के सबसे सीनियर नेताओं में से एक हैं. उन्हें इसी हफ्ते पार्टी की राज्य इकाई का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है. हसन को पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी का करीबी माना जाता है.