
बार रिश्वत मामले में इस्तीफा देने के बाद केरल के आबकारी मंत्री के बाबू ने शनिवार को इस्तीफा वापस लेने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ओमान चांडी के कैबिनेट मंत्री के तौर पर के बाबू के इस्तीफे को कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार ने स्वीकार नहीं किया था.
पार्टी का आदेश मानने को मजबूर
के बाबू ने अपने इस्तीफे को वापस लेने के दौरान कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से सरकार में वापस लौटने के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन एक आज्ञाकारी पार्टी कार्यकर्ता के रूप में वह अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए मजबूर हैं.
बाबू ने बार रिश्वत मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के सतर्कता अदालत के आदेश के बीच एक सप्ताह पहले इस्तीफा दिया था.
पद छोड़ना निजी फैसला था
के बाबू ने अपने बयान में कहा कि वह एक आज्ञाकारी पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर पार्टी नेतृत्व और यूडीएफ द्वारा किये गये फैसले को स्वीकार करते हैं. मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा राज्यपाल को नहीं भेजा था. बाबू ने कहा कि सतर्कता अदालत के आदेश के बाद सरकार छोड़ना उनका निजी फैसला था. बाबू ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री से बात की. खुदपर भरोसा दिखाने के लिए उन्होंने कांग्रेस और यूडीएफ नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त किया.