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केरल: बिशप पर 2 साल में नन से 13 बार रेप का आरोप, नन के खिलाफ भी केस

नन ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपी बिशप ने केरल में पोस्टिंग के दौरान 2014 से 2016 के बीच अपने गेस्त हाउस में उसका यौन शोषण किया.

मालंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च (तस्वीर सोशल मीडिया से साभार) मालंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च (तस्वीर सोशल मीडिया से साभार)
आशुतोष कुमार मौर्य
  • कोट्टयम (केरल),
  • 30 जून 2018,
  • अपडेटेड 2:52 PM IST

केरल के कोट्टयम में स्थित मशहूर मालंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च की एक नन द्वारा लगाए गए रेप के आरोप के जवाब में एक बिशप ने कहा है कि शिकायतकर्ता नन के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के चलते उनसे बदला लेने के लिए यह आरोप लगाए गए हैं.

आरोपी बिशप ने भी पुलिस में नन के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है. यह बिशप पंजाब के जालंधर में मालंकारा चर्च की ओर से काम करते हैं. नन ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपी बिशप ने केरल में पोस्टिंग के दौरान 2014 से 2016 के बीच अपने गेस्ट हाउस में उसका यौन शोषण किया.

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नन का आरोप है कि इस दौरान बिशप ने 13 बार उसके साथ रेप किया. वहीं कोट्टयम पुलिस का कहना है कि आरोपी बिशप ने नन से पहले ही शिकायत दर्ज कराई थी. अपनी शिकायत में आरोपी बिशप ने पुलिस को बताया था कि शिकायतकर्ता नन उन्हें धमकी दे रही है कि वह उनके खिलाफ यौन शोषण का केस दर्ज करवा देगी.

बता दें कि सबसे पहले नन के पति ने चर्च को चिट्ठी लिखकर आठ पादरियों के खिलाफ शिकायत की थी, हालांकि उसने सिर्फ पांच पादरियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. अपने शिकायत में पीड़िता के पति ने लिखा है कि एक पादरी ने उसकी पत्नी का 380 बार यौन शोषण किया.

शिकायत मिलने के बाद चर्च की वर्किंग कमिटी के सदस्य और चर्च के प्रधान पादरी एमओ जॉन ने सोमवार को पांचों आरोपी पादरियों को छुट्टी पर भेज दिया. आरोपी पादरियों में से एक पादरी चर्च के दिल्ली अधिकार क्षेत्र के लिए काम करने वाली शाखा से जुड़ा था.

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पांचों पादरियों की पहचान भी सामने आ गई है. यौन शोषण के आरोप में चर्च से निलंबित किए गए पादरियों में फादर जीजो जे अब्राहम, फादर जॉब मैथ्यू, फादर जॉनसन वी मैथ्यू, फादर जेसे के जॉर्ज और फादर अब्राहम वर्गीज के नाम सामने आ रहे हैं.

पीड़िता के पति ने चर्च को लिखी शिकायती चिट्ठी में बताया है कि उसकी पत्नी ने आरोपी पादरियों में से एक के समक्ष कुछ कन्फेशन किया था, जिसे चर्च के नियमों के मुताबिक पादरी को सिर्फ खुद तक सीमित रखना चाहिए था. लेकिन आरोपी पादरी ने उसकी पत्नी द्वारा किए गए कन्फेशन के जरिए ही उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.

पीड़िता के पति और चर्च के एक अधिकारी के बीच इसी घटना को लेकर हुई बातचीत का एक ऑडियो क्लिप भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इस ऑडियो क्लिप में पीड़िता को पति को यह कहते सुना जा सकता है कि विवाह से पहले चर्च के एक पादरी ने उसकी पत्नी का यौन शोषण किया था.

बाद में पीड़िता ने जब विवाह से पहले रहे प्रेम संबंधों को लेकर कन्फेशन किया तो कन्फेशन सुनने वाले पादरी ने भी उसका यौन शोषण किया. इसके लिए पादरी ने उसकी पत्नी को धमकी दी कि वह उसके पति को इस बारे में सबकुछ बता देगा.

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इतना ही नहीं इस पादरी ने कुछ तस्वीरों के जरिए पीड़िता को ब्लैकमेल कर उसे दूसरे पादरी को सौंप दिया. और दूसरे पादरी ने भी उसकी पत्नी का यौन शोषण किया. पीड़िता के पति का कहना है कि चर्च से जुड़े कुछ नामी-गिरामी लोगों ने उस पर शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया.

हालांकि पीड़िता की शिकायत पर पुलिस को सूचित करने की जगह फादर जॉन ने पांचों पादरियों पर लगे आरोपों की जांच के लिए चर्च के अंदर ही एक पैनल का गठन किया है. फादर जॉन का कहना है कि इस संबंध में पुलिस से शिकायत करने की जरूरत नहीं है. फादर जॉन ने बताया कि उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर पीड़िता के चर्च के तीन पादरियों से प्रेम संबंध रहे हैं.

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