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व्यंग्य: किरण बेदी की विक्ट्री स्पीच लीक

कहते हैं राजनीति और क्रिकेट में सब कुछ अचानक होता है. लेकिन इस बारे में मेरी राय थोड़ी अलग है. ऐसी कई बातें हैं जो प्री-स्क्रिप्टेड होती हैं .

किरण बेदी किरण बेदी
मृगांक शेखर
  • नई दिल्ली,
  • 09 फरवरी 2015,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

कहते हैं राजनीति और क्रिकेट में सब कुछ अचानक होता है. लेकिन इस बारे में मेरी राय थोड़ी अलग है. ऐसी कई बातें हैं जो प्री-स्क्रिप्टेड होती हैं . आखिर क्रिकेट में मैच फिक्सिंग अचानक तो हो नहीं सकती. वैसे ही राजनीति में खास मौकों के लिए भाषण भी पहले से ही तैयार कर लिए जाते हैं. यह पहले से तय है कि दिल्ली विधान सभा चुनाव में बीजेपी यदि जीत हासिल करती है तो किरण बेदी मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालेंगी. लेकिन वह काम करेंगी मोदी के इशारे पर. शुरुआत किरण बेदी के पहले भाषण से हो गई है, जो टीम मोदी ने ही तैयार किया है. आप भी पढ़िये -
 
मित्रों...
बहनों, भाइयों और मेरे अजीज दिल्लीवासियों,
मुझे ये बताते हुए बेहद खुशी हो रही है कि विदेशों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी की असीम अनुकंपा से अब मैं दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हूं. इस मौके पर आपसे एक बहुत ही निजी बात शेयर करना चाहती हूं. ये बात हर वक्त मेरे मन में टीस बन कर उठती थी. मेरा तो भगवान से भरोसा भी उठने को था. अब मोदी जी की कृपा से एक बार फिर ईश्वर के प्रति मेरी आस्था बढ़ गई है.
मित्रों, मैं दिल्ली का पुलिस कमिश्नर बनते बनते रह गई. मैं सीनियर मोस्ट अफसर थी. मुझे अपने काम के लिए तमाम तारीफें और अवॉर्ड मिल चुके थे. फिर भी मैं अपने तात्कालिक आकाओं का दिल नहीं जीत पाई. और मेरे एक जूनियर अफसर को मेरे ऊपर तरजीह देते हुए कमिश्नर बना दिया गया. मुझे ये बात बर्दाश्त नहीं हुई – और मैंने वीआरएस ले लिया.

मैं मोदी जी की शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने मुझे खाक से उठाकर फलक पर बैठा दिया. मैं भी खाक छानते-छानते थक चुकी थी.

मित्रों, मोदी जी और उनके कमांडर इन चीफ अमित शाह जी का मैं किन शब्दों में शुक्रिया अदा करूं समझ में नहीं आ रहा. ये तो उन्हीं दोनों की किस्मत थी कि मैं रास्ते की बड़ी-बड़ी बाधाओं को पार करते हुए यहां तक पहुंच आई. मुझे मालूम था कि जीतनेवाले येन केन प्रकारेण जीत हासिल कर ही लेते हैं. आप तो जानते ही हैं जीत सिर्फ नसीबवालों को ही हासिल होती है. ये तो उनका नसीब था, वरना मैं तो इतनी बदनसीब थी कि दिल्ली पुलिस का कमिश्नर भी नहीं बन सकी.

अब मैं खुद को नसीबवाली कह सकती हूं. मोदी जी के नसीब के बूते अब हम सब अपने को नसीबवाला कह सकते हैं. अब हम सारे दिल्ली वाले नसीबवाले हैं. अगर एक नसीबवाले के चलते पूरी दिल्ली का नसीब बदल जाए तो इसे क्या कहेंगे – चमत्कार, और क्या?

आज एक बात और मैं आप सब से शेयर करना चाहती हूं. ये सच है कि मेरे पुराने साथी माननीय श्री अरविंद केजरीवाल जी ने मुझे दिल्ली के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की पेशकश की थी. मैंने एक बार वह पेशकश स्वीकार करने की भी सोची, लेकिन उस पुरानी टीस ने मुझे उसे ठुकराने को मजबूर कर दिया. मैंने माननीय श्री केजरीवाल जी की पेशकश इसलिए ठुकरा दी क्योंकि उनके बैनर तले मेरे ख्वाब अधूरे रह जाते. अगर मैं उनकी पार्टी से मुख्यमंत्री बनती तो मेरी जिंदगी में दिल्ली पुलिस मुझे कभी रिपोर्ट नहीं करती.
बस कुछ दिनों की बात है. अगर मोदी जी के विदेश दौरे का कार्यक्रम बन गया तो थोड़ी देर जरूर हो सकती है. हो सकता है ऐसी स्थिति में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाना संभव न हो सके. मुझे पूरा विश्वास है कि मोदी जी एक ऑर्डिनेंस लाकर दिल्ली पुलिस को मेरे अंडर में कर देंगे.

और ऐसा होते ही मैं दिखा दूंगी कि एक पुलिस अफसर जब मुख्यमंत्री बन जाता है तो वह क्या क्या कर सकता है.

मित्रों, मैं उस तरह की मुख्यमंत्री नहीं हूं कि हर गली चौराहे पर जिंदगी भर धरना देती फिरूं. मैं तो बड़ी ही सख्त पुलिस अफसर रही हूं. मैंने तिहाड़ जेल के कैदियों को ही नहीं वहां के कर्मचारियों और अफसरों को भी सुधार दिया था. अब मैं पूरी दिल्ली को सुधार दूंगी. मैं बताना चाहूंगी कि अब से दिल्ली में कहीं भी, कभी भी किसी भी कार्यकर्ता या नेता द्वारा धरने की इजाजत नहीं होगी. ये बात उन्हें अच्छी तरह समझ लेना होगा.

मित्रों मैं साफ कर दूं कि मैं उन नेताओं की तरह नहीं हूं जिनके मन में देश के संविधान और कायदे कानून के प्रति कोई आस्था नहीं है. मोदी जी पहले ही कह चुके हैं कि वे जंगल में चले जाएं और उनके लिए अब मेरी भी यही सलाह है. मैं आपको बताना चाहूंगी कि मैं कोई रामलीला मैदान में शपथ लेने नहीं जा रही. मैं तो दिल्ली पुलिस के हेड क्वार्टर में शपथ लूंगी. मैंने बीजेपी ज्वाइन करने से पहले ही मोदी जी से ये रिक्वेस्ट कर ली थी. अब मोदी जी को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को बस एक बार बोलना होगा - और काम हो जाएगा.

मित्रों, मैं राजनीति में बिलकुल नई हूं, लेकिन पुलिस में काम करने का मेरे पास 40 साल का अनुभव है. मोदी जी ने मुझ से वादा किया है कि मुझे राजनीति के बारे में सोचने की कोई जरूरत नहीं है. वाकई मोदी जी जैसा विजनरी लीडर मैंने नहीं देखा. अरे देखने की बात क्या करूं मैंने तो ऐसे लीडर के बारे में न कहीं पढ़ा न कभी सुना है. मोदी जी जानते हैं कि किस आदमी से क्या काम लेना है. उन्होंने मेरे अनुभवों का पूरा फायदा उठाने की बात कही है. इसलिए मुझे बस अपने काम पर फोकस करना है. मोदी जी ने कहा है कि सारे बड़े काम मुझे करने हैं और सारे छोटे काम वो अपनी टीम से करा देंगे. मेरी सरकार में किसे मंत्री बनाना है, किसे राज्य मंत्री बनाना है या फिर किसे महिला आयोग का अध्यक्ष बनाना है ये मेरी टेंशन कतई नहीं है. ये सारे छोटे काम मोदी जी करेंगे खुद या उनकी टीम करेगी. और सारे बड़े काम – मसलन - दिल्ली पुलिस को कैसे काम करना है? पुलिसिंग में सुधार कैसे किया जाए? महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस कैसे काम करे? ये सभी अहम जिम्मेदारियां मेरे पास होंगी.

मैं आपको यकीन दिलाना चाहती हूं कि दिल्ली पुलिस सदैव आपकी सेवा में हर कदम पर तत्पर मिलेगी. अगर आपको कभी कोई परेशानी हो? लगे कि कोई पुलिसवाला आपकी सेवा ठीक से नहीं कर रहा है. बगैर किसी वाजिब वजह के दिल्ली में कहीं ट्रैफिक जाम है या ऐसी कोई समस्या पैदा हो गई हो तो आपको उसके लिए स्टिंग ऑपरेशन करने की कोई जरूरत नहीं है. जल्द ही आपको एक नंबर दिया जाएगा जिस पर आपको सिर्फ मिस कॉल देनी होगी. अगर आपने इतना कर दिया समझो आपका काम हो गया.

मित्रों मेरी पार्टी की ओर से जारी विजन डॉक्युमेंट में वादा किया गया था कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैं लोगों से ‘मन की बात’ किया करूंगी. मेरे ‘मन की बात’ की ये पहली किस्त थी. आगे भी खास मौकों पर मैं ‘मन की बात’ किया करूंगी.

धन्यवाद मोदी जी. आप सब दिल्लीवासियों को भी थैंक्स अ लॉट.
जय हिंद. वन्दे मातरम्.


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