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नोटबंदी पर श्वेत पत्र जारी करे सरकार: गोविंदाचार्य

आम जनता इन सब परेशानियों को सह भी लेगी, जब वह इस अचानक हुए निर्णय के पीछे के कारणों को जानेगी और उस निर्णय से भविष्य में होने वाले लाभों से भी परिचित होगी.

गोविंदाचार्य गोविंदाचार्य
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 13 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

समाजसेवी और चिंतक केएन गोविंदाचार्य ने नोटबंदी पर सरकार से श्वेत पत्र जारी करने को कहा है. गोविंदाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार नोटों को निरस्त करने के कारणों को स्पष्ट करने और उसके लाभ बताने के लिए श्वेत पत्र जारी करे. गोविंदाचार्य का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा 8 नवंबर को शाम 8 बजे 500 और 1000 रुपये के नोटों को निरस्त करने की घोषणा करने से देश में आया भूचाल अभी थमा नहीं है. सरकार द्वारा भारी मात्रा में जारी 500 और 1000 रुपये के नोट रद्द हो जाने से अधिकांश आम जनता परेशानी में आ गई है. बैंकों की शाखाओं और एटीएम के बाहर लगी लंबी कतारें और देशभर से आ रहीं अफवाहें इसका प्रमाण हैं.

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गोविंदाचार्य के अनुसार , सरकार के तुगलकी फैसले से कालेधन को कमाने वाले राजनेताओं-नौकरशाहों, टैक्स चोरी करने वाले व्यापारियों और अवैध धंधे वाले माफियाओं पर क्या असर पड़ेगा या रसूख के कारण वे बच जाएंगे, यह तो भविष्य ही बता पाएगा पर मोदीजी के झटके से आम जनता हलाल हो रही है. लोगों को रोज की जीवनोपयोगी वस्तुओं खरीदने में कठनाई हो रही है, चिकित्सा और यातायात जैसी आवश्यक सुविधाओं में परेशानी हो रही है.

सवालों का जवाब दे सरकार
आम जनता इन सब परेशानियों को सह भी लेगी, जब वह इस अचानक हुए निर्णय के पीछे के कारणों को जानेगी और उस निर्णय से भविष्य में होने वाले लाभों से भी परिचित होगी. अतः सरकार एक श्वेत पत्र जारी करके आम जनता को बताए कि उसने इतना कठोर निर्णय अचानक क्यों लिया? देश में कितने नकली नोट हैं? 500 और 1000 रुपये के नोटों से नगदी के रूप में कितना कालाधन बना हुआ है? इन पुराने नोटों को छापने में सरकार ने आम जनता का कितना धन व्यय किया था? इन नोटों को वापस लेने और नए नोटों को छाप कर उन्हें बदलने में आम जनता का कितना धन सरकार व्यय करने वाली है? आजादी के बाद देश में अब तक कितना काला धन बनने का अनुमान सरकार लगाती है? कालेधन किस-किस रूप में कितना-कितना विद्यमान है? 500 और 1000 रूपये के नोटों को रद्द करके 500, 1000 और 2000 के नए नोटों को छापने के पीछे क्या तुक है?

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श्वेत पत्र जारी करे सरकार
ये कुछ प्रश्न हैं जो इस देश के सभी नागरिकों के दिमाग को मथ रहें हैं. लोकतंत्र में राज्य को जनता के प्रति उत्तरदायी माना जाता है, उसे सरकार से जानने का पूरा अधिकार रहता है. जनता में फैले भ्रम और अफवाहों को दूर करने के लिए उपरोक्त सभी प्रश्नों और अन्य सम्बंधित प्रश्नों के तथ्यपरक जानकारी देते हुए सरकार शीघ्र एक श्वेत पत्र जारी करके अपना कर्त्तव्य निभाए.

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