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जैसा कि नाम से ही प्रतीत होता है कि G20 का मतलब है ग्रुप ऑप ट्वेंटी. दरअसल, यह दुनिया के 20 देश और उनकी सरकारों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन है. इसे दुनिया की प्रमुख 20 इकोनॉमी के ग्रुप के तौर पर भी जाना जाता है. इस ग्रुप में फिलहाल 19 देश शामिल हैं- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडिया, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मेक्सिको, रशियन फेडरेशन, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, इंग्लैंड, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन.
आखिर किन वजहों से इसमें और भी देश शामिल नहीं हैं?
इस ग्रुप की बैठक में बाहर से देशों के प्रतिनिधि बुलाए तो जाते हैं मगर उन्हें निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता. इस ग्रुप का ऐसा मानना है कि ऐसा करने से निर्णय प्रक्रिया और भी धीमी हो जाएगी.
G20 का गठन
G20 का गठन सितंबर 1999 में एशियाई आर्थिकी संकट के बाद किया गया था.
आखिर क्या है G20 समिट?
यद दुनिया के तमाम आला नेताओं का जमावड़ा है. इस जमावड़े में वे दुनिया की आर्थिक पॉलिसी पर संवाद और रिव्यू करते हैं. यह कॉन्सेप्ट कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री पॉल मार्टिन का दिया हुआ है. यह समिट साल में एक बार होती है और दो दिनों तक चलती है. इस जमावड़े में अलग-अलग देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंकर्स भी शामिल होते हैं.
G20 में क्या डिस्कश होता है?
इस ग्रुप में अमूमन देश-दुनिया के वित्तीय मामलों पर बातचीत होती है. जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि इसकी शुरुआत मंदी के बाद की स्थितियों से उबरने के लिए हुई थी. वे इस बात का प्रयास करते हैं कि किस प्रकार दुनिया भर के देशों को मंदी से उबारते हुए आगे की लड़ाई के लिए तैयार किया जाए. वे इसमें उन हर संभव प्रयासों पर बात करते हैं जो सतत विकास के लिए जरूरी हैं.