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जानिए, कराची में मारे गए मशहूर कव्वाल अमजद फरीद साबरी के बारे में

रमजान के पाक महीने में सूफी कव्वाल अमजद साबरी की हत्या से संगीत की दुनिया शोक में डूब गई है. साबरी ब्रदर्स की विरासत को आगे बढ़ाने वाले अमजद फरीद साबरी के बारे में कुछ खास बातें जानिए.

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सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2016,
  • अपडेटेड 8:08 AM IST

पाकिस्तान के मशहूर कव्वाल अमजद फरीद साबरी अब हमारे बीच नहीं रहे. 45 साल के साबरी को कराची में अज्ञात हमलावरों ने दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया.

रमजान के पाक महीने में हुई इस घटना से संगीत की दुनिया शोक में डूब गई है. आइए, जानते हैं साबरी ब्रदर्स की विरासत को आगे बढ़ाने वाले अमजद फरीद साबरी के बारे में:-

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चिश्ती परंपरा के सूफी गायक साबरी ब्रदर्स का ताल्लुक पाकिस्तान से है. इस सूफी कव्वाली पार्टी को बनाने वाले दिवंगत हाजी गुलाम फरीद साबरी और उनके छोटे भाई दिवंगत हाजी मकबूल अहमद साबरी थे.

दुनिया भर में चर्चित हुए साबरी ब्रदर्स
उत्तर भारत और पाकिस्तान में मशहूर कव्वाली को इन दो भाइयों ने ही दुनियाभर में पहचान दिलाई. पश्चि‍मी देशों में इनका पहला शो अमेरिका में हुआ, जब 1975 में न्यूयॉर्क के कार्नेजी हॉल में इन्होंने परफॉर्मेंस दिया.

कायम रखी अपने परिवार की परंपरा
अमजद फरीद साबरी दिवंगत गुलाम फरीद साबरी के बेटे थे. गुलाम फरीद साबरी का जन्म 1930 में अविभाजित पंजाब के रोहतक में हुआ था. बंटवारे के बाद इनका परिवार पाकिस्तान के कराची में शिफ्ट हो गया. अपने परिवार की परंपरा को कायम रखते हुए अमजद फरीद साबरी ने भी खूब नाम कमाया. साबरी ब्रदर्स की मशहूर कव्वालियों ‘भर दो झोली...’, 'ताजदार-ए-हरम...' को अमजद साबरी ने आज के श्रोताओं के लिए अपने सुरों से सजाया.

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'बजरंगी भाईजान' के एक गाने पर हुआ था विवाद
सलमान खान की फिल्म 'बजरंगी भाईजान' के एक गाने को लेकर साबरी चर्चा में रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया था कि उनके दिवंगत पिता गुलाम फरीद साबरी की प्रसिद्ध कव्वाली ‘भर दो झोली’ को ‘बजरंगी भाईजान’ में उनकी इजाजत के बिना शामिल किया गया.

समाज कल्याण के कामों में थी दिलचस्पी
उनकी शख्सियत का अहम पहलू यह भी है कि संगीतकारों के घराने से ताल्लुक रखने वाले अमजद साबरी महज संगीत की दुनिया तक ही सीमित नहीं रहे. वो समाज कल्याण के दूसरे कामों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. चाहे वो कलाकारों के हक की बात हो या कलाकारों के जश्न का मौका, अमजद साबरी ऐसे कार्यक्रमों में जरूर भाग लेते थे.

पसंद था क्रिकेट खेलना और देखना
उन्हें क्रिकेट बहुत पसंद था. वो क्रिकेट खेलते भी थे और उन्हें क्रिकेट मैच देखना भी पसंद था. रमजान के मौके पर होने वाले क्रिकेट मैच में अमजद साबरी को हमेशा देखा जाता था.

राहत फतेह अली खान के साथ गाने वाले थे कव्वाली
मॉडर्न जमाने के श्रोताओं की पसंद को ध्यान में रखते हुए अमजद साबरी अपनी कव्वाली को 'कोक स्टूडियो' तक ले जाने की मुहिम में जुटे थे. कोक स्टूडियो के आगामी सीजन को लेकर साबरी बेहद उत्साहित भी थे. साबरी मशहूर गायक राहत फतेह अली खान के साथ कव्वाली गाने वाले थे. बताया जा रहा है कि कोक स्टूडियो 9 के लिए लाइनअप का खुलासा भी आज ही होने वाला था, लेकिन अब साबरी की मौत के बाद इसे टाल दिया गया है.

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