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दुकान पर बिक रहा सामान असली है या नकली, सिर्फ एक SMS से चलेगा पता

दुकान पर आप जब भी कोई सामान खरीदने जाते हैं, तो आपको ये पता नहीं चल पाता है कि वह असली है या नकली. हालांकि अब ये काम आप आसानी से कर सकेंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 13 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

दुकान पर आप जब भी कोई सामान खरीदने जाते हैं, तो आपको ये पता नहीं चल पाता है कि वह असली है या नकली. हालांकि अब ये काम आप आसानी से कर सकेंगे. अमेरिकी कंपनी फार्मासिक्योर ने भारत समेत कुछ देशों में इस संबंध में पहल की है. इसके लिए कंपनी ने कई कंपनियों के साथ करार क‍िया है.

फार्मासिक्योर ने SMS के जरिये उत्पाद के असली या नकली होने की जानकारी हासिल करने की सुविधा दवाओं के लिए शुरू की थी. हालांकि बाद में कंपनी ने रोजमर्रा के उपयोग के सामान (FMCG), इलेक्ट्रोनिक और ब्यूट उत्पादों के लिए भी यह सेवा शुरू की है. इसके लिए कंपनी ने एक अलग इकाई प्रोडक्टसिक्योर बनाई है.

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फार्मासिक्योर ने बताया कि आप न सिर्फ SMS के जरिये प्रोडक्ट की जानकारी हासिल कर सकते हैं, बल्क‍ि मोबाइल ऐप पर भी उत्पाद का बारकोड डालकर इसका पता लगा सकते हैं. इसके अलावा आपके पास वेबसाइट पर जाकर उत्पाद के असली-नकली होने का पता कर सकने का विकल्प भी है.

फार्मासिक्योर के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी नकूल पसरीचा ने बताया कि भारत समेत पूरी दुनिया में नकली उत्पादों की संख्या बढ़ रही है. इसका न सिर्फ ब्रांड की विश्वसनीयता पर असर पड़ता है, बल्क‍ि कंपनी की आय भी प्रभावित होती है.  उन्होंने बताया कि नकली उत्पादों की वजह से सरकार को भी करोड़ों रुपये का नुकसान होता है. यही नहीं, नकली उत्पाद स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक साबित होते हैं.

पसरीचा उद्योग मंडल 'फिक्की' के एक अध्ययन का हवाला दिया. उन्होंने इसके मुताबिक बताया कि नकली उत्पादों की वजह से भारत सरकार को करीब 39 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ता है.

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ऐसे करता है काम

पसरीचा ने बताया कि ग्राहकों को नकली व असली उत्पाद की जानकारी देने के लिए हम कंपनियों के साथ गठजोड़ करते हैं. कंपनी के प्रोडक्ट के हर बैच पर एक विश‍िष्ट कोड डाला जाता है. इसमें बैच संख्या, एक्सपायरी डेट आौर फोन नंबर का भी जिक्र होता है.

ऐसे में जैसे ही ग्राहक उस फोन नंबर पर संबंध‍ित उत्पाद का कोड SMS करेगा, तो वैसे ही तुरंत उसे उसके मोबाइल में संदेश आ जाता है. इस तरह एक SMS से साफ हो जाता है कि जो उत्पाद आप ले रहे हैं, वह असली है या नकली.

पसरीचा ने बताया कि बारकोड की बदौलत ग्राहक को वो सब जानकारी मिलेगी, जो भी कंपनी उस बारकोड में शामिल करने के लिए तैयार होगी. इस जानकारी में अध‍िकतम खुदरा मूल्य (MRP), एक्सपायरी डेट समेत अन्य जरूरी डिटेल शामिल हो सकती हैं.

उन्होंने बताया कि भारत में फिलहाल उनका गठजोड़ केबल बनाने वाली पॉलीकैब, औषधि कंपनी यूनिकेम और  राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ हुआ है.

पसरीचा ने बताया कि अब कंपनी उन कंपनियों के साथ बातचीत कर रही है, जो रोजमर्रा  की जरूरत के उत्पाद बनाती है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.

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