
पाकिस्तानी सेना की कैद में फंसे पूर्व नेवी अफसर कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए कोशिशें जारी हैं. जाधव की मां अवंति सुधीर जाधव ने पाकिस्तानी सैन्य अदालत के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है. दूसरी ओर, इस्लामाबाद में भारत के उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने इस सिलसिले में पाकिस्तान की विदेश सचिव तहमीना जंजुआ से मुलाकात की है.
सजा के खिलाफ अपील
अवंति सुधीर जाधव ने पाकिस्तान के आर्मी एक्ट की धारा- 133बी के तहत जाधव को फांसी के फैसले के खिलाफ अपील दायर की है. अपील में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा और फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजेसीएम) को प्रतिवादी बनाया गया है. एफजेसीएम ने ही जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी. 10 अप्रैल को जनरल बाजवा ने इस फैसले पर मुहर लगाई थी.
अब आगे क्या होगा?
पाकिस्तानी कानून के मुताबिक इस याचिका की सुनवाई पाकिस्तान के कोर्ट ऑफ अपील में होगी. कोर्ट ऑफ अपील में पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष या फिर उनके चुने गए एक या दो नुमाइंदे शामिल होते हैं. ब्रिगेडियर या उससे ऊंचे रैंक का अफसर इस कोर्ट की अध्यक्षता करता है. लेकिन अपील पर सुनवाई पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही मुमकिन होगी.
और क्या विकल्प?
हालांकि विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने संसद को भरोसा दिलाया था कि कुलभूषण जाधव की रिहाई के लिए भारत किसी भी हद तक जाएगा. लेकिन पाकिस्तान के रवैये को देखकर लगता है कि सरकार के पास विकल्प सीमित हैं. अगर ये अपील खारिज होती है तो सजा के खिलाफ सिविल कोर्ट में अपील की जा सकती है. लेकिन पाकिस्तान के वकीलों ने जाधव की पैरवी से इनकार किया है. जाधव के पास आखिरी चारा पाकिस्तान के राष्ट्रपति से अपील करने का है. राजनयिक स्तर पर भारत अगर कैदियों की अदला-बदली के लिए इस्लामाबाद को राजी करता है तो भी जाधव की रिहाई की संभावना बन सकती है.