
लेबर मिनिस्ट्री जल्द ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के लिए नए निवेश नियम ला सकता है ताकि संगठन को अपने फंड की पांच फीसदी राशि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में लगाने की अनुमति मिल सके. ईपीएफओ के पास 6.5 लाख करोड़ रुपये का फंड है.
निवेश के इस नए तौर तरीके से 2015-16 के दौरान ईटीएफ में लगभग 17,000 करोड़ रुपये के निवेश की अनुमति मिल सकती है.
सूत्रों ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा, ‘ईपीएफओ के लिए नए निवेश पैटर्न का प्रस्ताव लेबर मिनिस्ट्री में विचाराधीन है. इस प्रस्ताव के तहत ईपीएफओ को अपने फंड की पांच फीसदी राशि ईटीएफ में लगाने की अनुमति दी जानी है.’
सूत्रों ने कहा, ‘नए निवेश नियमों से मौजूदा वित्त वर्ष में ही ईटीएफ में 17,000 करोड़ रुपये तक के निवेश का रास्ता खुल जाएगा.’ ईपीएफओ के छह करोड़ से अधिक अंशधारक हैं. यह संगठन मुख्य रूप से राज्य व केंद्र सरकार की प्रतिभूतियों में निवेश करता है.
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड की बैठक 31 मार्च को हुई जिसमें यूनियन के प्रतिनिधियों ने इक्विटी या इक्विटी से सम्बद्ध पत्रों में किसी भी तरह के निवेश का विरोध किया.
हालांकि लेबर मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने इस मीटिंग के बाद कहा था, ‘हम निवेश के नए पैट्रन की जल्द ही सूचना देंगे. लंबी अवधि के लिए इक्विटी में निवेश करना सही मालूम पड़ता है. एक तरह के पोर्टफोलियो में निवेश करना सुरक्षित है. दुनिया भर में मिले रुझान के अनुसार इक्विटी में निवेश अधिकतम रिटर्न देते हैं.’