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कोटा: बदहाल है अस्पताल, स्टाफ का बर्ताव खराब, BJP ने गहलोत सरकार को लगाई फटकार

बीजेपी सांसदों की समिति ने अस्पताल की हालत के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी सांसदों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से मांग की है कि वे खुद कोटा पहुंचकर बच्चों की मौत के मामले में जरूरी कर्रवाई करें.

कोटा में 1 महीने में 91 बच्चों की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर) कोटा में 1 महीने में 91 बच्चों की मौत (प्रतीकात्मक तस्वीर)
देव अंकुर
  • कोटा,
  • 31 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 9:02 PM IST

  • कोटा अस्पताल में बच्चों की मौत पर बीजेपी ने गठित की थी समिति
  • गहलोत सरकार को बीजेपी सांसदों की समिति ने जमकर लताड़ा
  • बच्चों की मौत पर गहलोत सरकार की हो रही चौतरफा आलोचना
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार इन दिनों भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के निशाने पर है. कोटा के जेके लोन अस्पताल में 91 बच्चों की मौत का मामला सामने आने के बाद अशोक गहलोत सरकार को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों की मौत पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सांसदों की एक समिति गठित की थी. बीजेपी की सांसदों की समिति ने प्रदेश के अशोक गहलोत सरकार को जमकर लताड़ लगाई है.

बीजेपी समिति ने अस्पताल की हालत के लिए प्रशासनिक लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है. बीजेपी सांसदों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से मांग की है कि वे खुद कोटा पहुंचकर बच्चों की मौत के मामले में जरूरी कर्रवाई करें. दौसा से बीजेपी की सांसद जसकौर मीणा ने कहा कि जेके लोन अस्पताल में सीलन और इंफेक्शन फैल रहा है. वहीं राज्यसभा सांसद कांता कर्दम ने कहा कि अस्पताल में स्टाफ और चिकित्सकों का व्यवहार बहुत गंदा है.

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कोटा के सरकारी अस्पताल, जे के लोन अस्पताल, में दिसंबर माह में हुई बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आने के बाद राजनीतिक बवाल मच गया था. मौतों के बावजूद अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की भारी कमी है. राजस्थान की शिक्षा नगरी मानी जाने वाली कोटा के सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु सरकारी अस्पताल, जे के लोन अस्पताल, की हालत खस्ता है.

चिकित्सा सेवाओं में भारी कमी

अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं की भारी कमी है. इस अस्पताल में कोटा एवं आसपास के कई जिलों, जैसे कि झालावाड़, बारा, बूंदी और अन्य प्रदेशों से मरीज और उनके परिजन आते हैं. अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं, डॉक्टरों नर्सों और सुविधाओं की भारी कमी है.

आज तक ने अस्पताल में मौजूद कई मरीजों के परिवारजनों से बात की जिन्होंने दावा किया कि अस्पताल में स्टाफ की भारी कमी है. उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सा उपकरणों के अभाव और डॉक्टरों की कई बार अनदेखी करने की वजह से अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं ध्वस्त हैं.

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अस्पताल में भर्ती एक बच्चे के पिता ने आज तक से हुई खास बातचीत में कहा, 'दिक्कतें तो बहुत सारी हैं. गंदगी बहुत है यहां पर संक्रमण का कारण यही है.'

अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर ध्वस्त

आज तक की खास पड़ताल में यह जानकारी सामने आई कि अस्पताल में दिसंबर के माह में बच्चों की मौत को लेकर मचे राजनीतिक बवाल के बावजूद अस्पताल की चिकित्सा सेवाएं चरमराई हुई थी. चिकित्सा अधीक्षक ने आज तक से बातचीत में यहां तक कहा कि अस्पताल में इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है और जरूरत है कि अस्पताल को ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर मिले.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहले यह दावा कर चुके हैं कि अस्पताल जेके लोन अस्पताल में इस साल हुई मौतें पिछले 6 सालों में सबसे कम है. कोटा के सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला रविवार को जेके लोन अस्पताल पहुंचे और वहां पर चिकित्सा सेवाओं की सुध ली.

आज तक से बातचीत में बिरला ने कहा कि सरकार को ज्यादा संवेदनशील होने की जरूरत है. ओम बिरला, कोटा सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष, ने आज तक से कहा, 'मेरा मानना है कि हम ऐसी चिकित्सा व्यवस्था करें की एक भी बच्चे की मौत ना हो उसके लिए जो इंतजाम होने चाहिए वह सब करने का प्रयास करना चाहिए. निश्चित रूप से सरकार को संवेदनशील होना चाहिए और ऐसे मौके पर जब 48 घंटे के अंदर या 1 महीने में इतनी मौतें हो गई उस पर तुरंत कर्रवाई करना चाहिए.'

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फैल रहा है संक्रमण

पर्याप्त संख्या में डॉक्टरों और नर्सों का ना होना, चिकित्सा उपकरणों की कमी, इंफ्रास्ट्रक्चर की बदहाली एवं अन्य दिक्कतों से जेके लोन सरकारी अस्पताल जूझ रहा है. आईसीयू में एक-एक बिस्तर पर दो या 3 बच्चों का होना भी संक्रमण के फैलने के पीछे का एक कारण हो सकता है.

जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक सुरेश चंद दुलारा ने कहा कि अस्पताल में क्या दिक्कत इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ है इतनी जगह नहीं है वही डिमांड हम लगातार कर रहे हैं. इलाज एक अलग प्रक्रिया है और बीमार मरीजों का इलाज एक अलग प्रक्रिया है. बीमार मरीजों को बचाना बहुत मुश्किल होता है.

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